May 2, 2024

अम्बाला/समृद्धि पराशर: चौबीसवां कारगिल विजय दिवस की स्मृति में नई दिल्ली से रवाना हुई नारी सशक्तिकरण महिला मोटरसाईकल रैली मंगलवार को खडग़ा कोर अम्बाला छावनी पहुंची। यहां पहुंचने पर लै0 जरनल खडग़ा कोर राहुल आर सिंह ने मोटरसाईकल रैली का अभिनंदन किया। इस मौके पर रैना ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मोटरसाईकल रैली में शामिल सेवानिवृत लै0 कर्नल रनजीत रंधावा को स्मृति चिन्ह देकर तथा कारगिल में शहीद हुए वीरों के परिजनों व अन्य का सम्मानपूर्वक अभिनंदन किया गया।

इस मौके पर लै0 जरनल खडग़ा कोर राहुल आर सिंह ने रैली का स्वागत करते हुए कहा कि नारी सशक्तिकरण महिला मोटरसाईकल रैली को नई दिल्ली से द्रास तक एक तीनों सेनाओं से सम्मिलित महिला मोटरसाइकिल रैली को आज सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नई दिल्ली से सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती अर्चना पांडे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह महिला मोटरसाइकिल रैली राष्ट्र की सभी महिलाओं की साहसी और अदम्य भावना को रेखांकित करती है और महिला सशक्तिकरण की भावना नारी सशक्तीकरण, देशभक्ति, भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के योगदान और भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का जश्न मनाती है।

राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान और प्रतिबद्धता का प्रतीक मोटरसाइकिल रैली में 25 महिला सवार शामिल हैं, जिनमें दो वीर नारी शामिल हैं, जिनमें से एक सेवारत अधिकारी है, 10 सेवारत भारतीय सेना अधिकारी, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना से एक-एक महिला अधिकारी शामिल हैं। भारतीय सेना की तीन महिला सैनिक और आठ सशस्त्र बल की पत्नियां शामिल है। रैली कारगिल युद्ध स्मारक, द्रास (लद्दाख) में समापन होने से पहले अंबाला, जालंधर, उधमपुर, श्रीनगर में रुकेगी। इससे पहले आज यह मोटरसाईकल रैली स्पोट्र्स स्कूल राई और सैनिक स्कूल, कुंजपुरा में आयोजित की गई। उन्होंने टीम के प्रयासों की सराहना की और उन्हें बदलाव की चिंगारी जलाने और हमारे गौरवशाली देश की महिलाओं को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी बताया कि नारी सशक्तिकरण महिला मोटरसाईकल रैली 965 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 26 जुलाई को कारगिल में पहुंचेगी जहां पर कारगिल विजय दिवस के मौके पर 24वीं वर्षगांठ मनाई जायेगी। इस मौके पर लै0 जरनल राहुल आर सिंह ने यह भी कहा कि अम्बाला वीर लोगो के नाम से जाना जाता है, 1857 की क्रांति की जब शुरूआत हुई थी तो मेरठ से पहले इसकी चिंगारी अम्बाला से उठी थी। अम्बाला पुराना कैंटोनमैंट बोर्ड भी है और ऐयर बेस्ड भी है।

इस मौके पर सेवानिवृत लै0 कर्नल रनजीत रंधावा ने खडगा कोर द्वारा आज यहां पर नारी सशक्तिकरण महिला मोटरसाईकल रैली को जो सम्मान दिया है उसके लिए उनका धन्यवाद करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि हमें जीवन में कभी हारना नहीं चाहिए। जिंदगी में मुश्किलें आती है, रास्ता ढुंढना चाहिए, कभी हिम्मत नहंी हारनी चाहिए, आपका हाथ पकडऩे वाला कोई न कोई जरूर मिलेगा जोकि आपको जीवन में आगे बढने में कारगर सिद्ध होगा। उन्होंने इस मौके पर अपने जीवन परिचय बारे बताते हुए कहा कि शादी के कुछ समय बाद ही उनके पति मेजर सुखविन्द्र रंधावा शहीद हो गए थे। उसके पास डेढ साल की बेटी थी और यह समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। आर्मी ने उन्हें बहुत स्पोट किया और उसने अपने जन्मदिन 21 मार्च को आर्मी ज्वाईन की, 6 महीने की ट्रेनिंग हुई और जीवन आगे बढता रहा। उनकी जो बेटी है अब वह विदेश में है और उसने एक किताब भी लिखी है जिसमें उनके जीवन से जुडी घटना बारे वर्णन किया गया है। कार्यक्रम में एक प्रेरक भाषण द्वारा स्कूली बच्चों को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया गया। इस मौके पर आर्मी के उच्च अधिकारीगण भी मौजूद रहे।

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