May 20, 2024

पीएम नरेंद्र मोदी व यूपी के मुख्यमंत्री योगी से सीधी लड़ाई में दो साल जेल में रहने के बाद कुलदीप शर्मा उर्फ़ कुलदीप हिन्दू ने पहली बार चुनाव लड़ने का फैसला किया है ! कुलदीप शर्मा अब अपनी निजी विधानसभा करनाल से उपचुनाव लड़ेंगे व अपने राजनितिक जीवन की शुरूवात करेंगे ! उनका मुकाबला भाजपा नेता व हाल ही में हरियाणा के मुख़्यमंत्री बने नायब सिंह सैनी से होगा !

कुलदीप शर्मा 2020 में चर्चा में आये थे जब उनको पश्चिम बंगाल चुनाव में निजी संगठन का प्रचार करने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने उन पर प्रधानमंत्री मोदी व यूपी के मुख़्यमंत्री योगी की छवि ख़राब करने का राजनितिक मुकदमा लगा कर गिरफ्तार कर लिया था , भाजपा का मकसद कुलदीप शर्मा को बंगाल विधानसभा चुनाव से दूर रखना था !

कुलदीप शर्मा भाजपा को सपोर्ट करने के लिए योगी सेना संगठन चलाते थे जिसके देश में लाखो समर्थक थे ! लेकिन वो मामला भाजपा पर उल्टा पड गया क्योकि कुलदीप शर्मा जिस हिन्दू संगठन -योगी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उस संगठन के पश्चिम बंगाल के 9 लाख स्थाई सदस्यों ने नराज होकर भाजपा के खिलाफ जमकर मतदान किया जिसकी वजह से विधानसभा चुनाव जीत रही भाजपा बंगाल में विपक्ष के लायक भी नहीं रही !

बंगाल चुनाव हारने के बाद यूपी सरकार ने कुलदीप हिन्दू पर द्वेषपूर्ण कार्यवाही करते हुए उनको गैंगस्टर घोषित कर दिया व उनको हिन्दू गैंग का सरगना बताया ! हाईकोर्ट लगभग दो साल तक सरकार से पूछता रहा की कुलदीप शर्मा को क्यों गिरफ्तार किया है सरकार कुछ सबूत पेश करने की बजाय समय मांगती रही !

जैसे ही यूपी में विधानसभा चुनाव हुआ व  उसके परिणाम आये उसके तुरंत बाद सरकार ने हाईकोर्ट में बेल का विरोध ना करते हुए हाईकोर्ट में कहा की इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है इनको जमानत दे दी जाए ! कुलदीप शर्मा के निजी संगठन योगी सेना को खत्म कर दिया गया !

कुलदीप शर्मा का पासपोर्ट जब्त कर  लिया गया ! कुलदीप शर्मा को इतना टॉर्चर किया गया की पुरे भारत में आज कुलदीप शर्मा के पास न तो कोई सम्पति है व न ही कोई वाहन है ! लेकिन पुरे भारत में लाखो लोग आज ही उनके समर्थक है

कुलदीप शर्मा ने भाजपा ज्वाइन करने लिए मार्च 2024 में  हरियाणा व केंद्र के भाजपा पदाधकारियों से निवेदन किया लेकिन कुछ राज्यों के मुख़्यमंत्रीयो की नराजगी की वजह से भाजपा ने कुलदीप शर्मा को भाजपा में लेने या नहीं लेने पर कोई सार्थक जवाब नहीं दिया उसके बाद कुलदीप शर्मा ने कांग्रेस में शामिल होने की कोशिश की लेकिन अपनी कलह में टूट रही कांग्रेस से भी उचित उम्मीद नहीं मिली ! अंत में कुलदीप शर्मा करनाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया !

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