May 9, 2024

चंडीगढ/समृद्धि पराशर: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिविल सेवा के नवनियुक्त अभ्यर्थियों को लोक सेवकों की संज्ञा देते हुए कहा कि वे पूर्ण ईमानदारी, संवेदनशीलता, धैर्य, सेवाभाव और अंत्योदय की भावना के साथ कार्य करें।

मुख्यमंत्री आज यहां संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफल हुए हरियाणा के होनहार अभ्यर्थियों के लिए आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने सभी अभ्यर्थियों को स्मृति चिन्ह एवं श्रीमदभगवद् गीता भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने प्रतिभावान युवाओं और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि चयनित अभ्यर्थी हरियाणा उदय व आत्मनिर्भर भारत में अच्छा योगदान देंगें। अब पूरा देश ही उनके लिए परिवार है। वसुधैव कुटुम्बकम के भाव के साथ आगे बढना है और समाज को सुखी बनाने के लिए बेहतर कार्य करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के बच्चे प्रतिभावान हैं। इसको लेकर पिछले 8 वर्षो में सरकार ने नया वातावरण तैयार किया गया है। आज उसी का परिणाम है कि वर्ष 2022 की सिविल सेवा परीक्षा में प्रदेश के 6.50 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने सफलता पाई है। उन्होंने कहा कि अगर हम दूसरे क्षेत्रों की भी बात करें तो हरियाणा अनेक मामलों में अन्य प्रदेशों से अग्रणीय है। हरियाणा की कुल आबादी 2 प्रतिशत है जबकि रक्षा क्षेत्र में 10 प्रतिशत, खेलों में 35 प्रतिशत और कृषि क्षेत्र में 15 प्रतिशत हरियाणा का योगदान है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इस योगदान को और आगे कैसे बढ़ाया जाए।

टॉप 100 में 19 अभ्यर्थियों का चयन होना हरियाणा के लिए गर्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 की सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में प्रदेश के 63 अभ्यर्थियों और टॉप 100 में 19 अभ्यर्थियों का चयन होना हरियाणा के लिए गर्व का विषय है। इस परीक्षा में 32 लड़के व 31 लड़कियों का चयन होना बेटी बचाओ बेटी पढाओ मुहिम का भी सार्थक परिणाम है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सिविल सेवा में चयनित 7 अधिकारियों ने भी यूपीएससी की परीक्षा मेें सफलता पाई है और इसमें एक हरियाणा पुलिस के प्रशिक्षणाधीन सब इंस्पेक्टर भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि पहले जय जवान, जय किसान का नारा था, जिसे आगे बढाते हुए जय विज्ञान, जय अनुसंधान कहा गया। इसमें बाद में जय पहलवान जोड़ा गया और आज इस अवसर पर युवा आगे बढाते हुए जय इम्तिहान का नारा चरितार्थ कर रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिविल सेवा का प्रशिक्षण केन्द्र लबासना शब्द ही युवाओं के लिए ऊर्जावान है। क्योंकि इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ा हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थी प्रशिक्षण के दौरान ही उदार चरित्र अपनाएं और अंत्योदय को मुख्य ध्येय बनाकर पूरे देश को अपना परिवार मानते हुए सामाजिक सेवा की भावना से बिना भेदभाव के कार्य करें ताकि अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकें। उन्होंने कहा कि भविष्य में मन लगाकर कार्य करें और कभी भी किसी की बात को मन से न लगाएं। यही उनकी सेवा की सफलता की पहचान बनेगी।

सिविल सेवा का मुख्य ध्येय धन नहीं बल्कि समाज सेवा- संजीव कौशल

समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि मेहनत और काबिलियत का सिविल सेवा से बेहतर दूसरा कोई विकल्प नहीं होता। लेकिन सिविल सेवा की डगर बहुत कठिन और चुनौती पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा को मुख्य ध्येय धन नहीं बल्कि समाज सेवा मानकर करना चाहिए। आपस में भाईचारा बहुत महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण के दौरान भी हमें मिलना जुलना ही सिखाया जाता है, चाहे हम देश के किसी भी राज्य में कार्यरत हों।

अनुशासन और कर्तव्य की भावना सिखाती है पुलिस सेवा-पी के अग्रवाल

पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा के चयनित युवा देशभर में ब्रांड अम्बेसडर के तौर पर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा को स्वेच्छा से खुश होकर चुने ताकि समाज को भी उनकी सेवाओं का लाभ मिले क्योंकि पुलिस सेवा अनुशासन और कर्तव्य का पाठ सिखाती है। उन्होंने कहा कि इस बार पांच अभ्यर्थियों का चयन पुलिस परिवारों से हुआ है। यह पुलिस प्रशासन के लिए गौरव की बात है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, प्रधान सचिव अरूण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी एवं डीआईजी पंकज नैन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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