April 20, 2024

हरियाणा सरकार में प्रधान सचिव एवं सूचना, जन सम्पर्क, भाषा एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने वीरवार को अम्बाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अम्बाला छावनी में बनाए जा रहे आजादी के पहले स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित शहीदी स्मारक का अवलोकन किया। इस मौके पर उनके साथ सूचना, जन सम्पर्क, भाषा एवं सांस्कृतिक विभाग के अतिरिक्त निदेशक डा0 कुलदीप सैनी व अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे।

प्रधान सचिव अनुराग अग्रवाल ने 1857 की क्रांति से जुड़े शहीदी स्मारक के प्रत्येक तल पर जाकर वहां पर किए जा रहे कार्यों की प्रगति जानी और इन कार्र्याे में तेजी लाई जा सके, इसके लिए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। डीएफआई आर्ट एंजैसी की प्रतिनिधि सरीता, सोनिया ने आर्ट वर्क से सम्बन्धित तमाम कार्यो बारे प्रधान सचिव को विस्तार से जानकारी दी। जहां पर आर्ट वर्क से सम्बन्धित कार्य किया जाना है उस कार्य को भी उन्होंने मौके स्थल पर जाकर देखा।

इस दौरान आर्किटैक्चर रेणू खन्ना ने भी शहीदी स्मारक के डिजाईन से सम्बन्धित जानकारी उन्हें दी। प्रधान सचिव ने कहा कि आजादी की गाथा बहुत लंबी है और इस शहीद स्मारक के द्वारा युवाओं और आने वाले पीढियों को आजादी के संग्राम और शहीदों के बारे में जानकारी मिले, इस बात को ध्यान में रखते हुए अम्बाला छावनी में शहीद स्मारक का निर्माण करवाया जा रहा है। जिससे कि युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।

प्रेंजनटेशन के माध्यम से शहीद स्मारक में किए जाने वाले आर्ट वर्क एवं एतिहासिक तथ्यों से सम्बन्धित किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी लेते हुए प्रधान सचिव ने जरूरी दिशा-निर्देश और सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि 1857 स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति जो अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी, उसके बारे में देश-विदेश के लोगों को जानकारी मिले, उसके लिए यह शहीद स्मारक 22 एकड़ में करोड़ों रूपये की लागत से बनाया जा रहा है।

इस स्मारक में इंटरप्रीटेशन सैंटर, ओपन एयर थियेटर, म्यूजियम, ऑडिटोरियम, वाटर बॉडी एंड कनैक्टिंग ब्रिज, मेमोरियल टावर, अंडर ग्राउंड डबल बेसमैंट पार्किंग, इन्फोरमेशन सैंटर, हैलीपैड आदि का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने आर्ट वर्क से सम्बन्धित कार्य की रूपरेखा की जानकारी लेते हुए सम्बन्धित को यह भी कहा कि 1857 की क्रांति की पहली चिंगारी मेरठ से 9 घंटे पहले अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी।

आर्ट एंड गैलरी में हरियाणा में 1857 की क्रांति से जुड़ा सारा इतिहास दिखाया जाये कि किस प्रकार हिन्दुस्तानियों को लुटने का काम किया गया। अन्य सभी एतिहासिक घटनाएं भी यहां दर्शाई जाएं। उन्होने कहा कि शहीदों की याद में बन रहे इस स्मारक के निर्माण में कोई कमी न छोड़ी जाए तथा सभी एतिहासिक तथ्यों एवं दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए आर्ट वर्क आदि से सम्बन्धित कार्य किए जाएं।

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