May 18, 2024

हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल के अतिरिक्त प्रधान सचिव रहे एमएल वर्मा की शहादत 1 फरवरी को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाई जाएगी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के प्रधान सचिव रहे आईएएस अधिकारी एमएल वर्मा का 26वां शहीदी दिवस है।

पूर्व आईएएस एमएल वर्मा को पूरे परिवार के साथ आतंकवादियों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। एमएल वर्मा प्रधान सचिव रहते हुए ही आतंकवादियों की गोलियों का परिवार सहित शिकार हुए थे।

चंडीगढ़ से गांव कक्कड़ माजरा जाते समय आतंकवादियों ने एमएल वर्मा, उनकी धर्मपत्नी प्रीति वर्मा व दो छोटे-छोटे बेटे गौरव व सौरभ सहित गाड़ी में सवार सभी 6 लोगों को गोलियों से नींद की मौत सुला दिया था, 1 फरवरी 1992 को आईएएस अधिकारी एमएल वर्मा जब शहीद हुए थे उस समय वे पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के प्रधान सचिव थे।

उनके छोटे भाई आईएएस संजीव वर्मा फिलहाल करनाल के मंडलायुक्त और हरियाणा बीज विकास निगम  पंचकूला में प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। आईएएस अधिकारी एमएल वर्मा का शहीदी दिवस उनके पैतृक गांव ललाहड़ी कला जिला यमुनानगर के साथ प्रदेश के जिला कैथल, यमुनानगर, जींद, करनाल व कुरुक्षेत्र में भी मनाया जाता है।

एमएल वर्मा 1972 केव एचसीएस अधिकारी थे, 1988 में व आईएएस अधिकारी बने थे। भजन-लाल जब केन्द्र में कृषि मंत्री थे, वर्मा उस समय उनके पीएस रहे थे। दिल्ली  विकास प्राधिकरण के निदेशक रह चुके एमएल वर्मा आतंकवादियों के निशाने में पर काफी समय से थे।

हरियाणा और पंजाब के साथ एसवाईएल नहर विवाद और राजधानी विवाद के मुद्दे राज्य की तरफ से वह ही खुद देख रहे थे। आतंकवादियों ने वर्मा के ड्राइवर व गनमैन को भी मार डाला था। वर्मा की प्रदेश के अधिकारियों के समक्ष साफ सुथरी व ईमानदारी की छवि थी।

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