May 19, 2024

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा पुलिस में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या 15 प्रतिशत करने के लिए कृत-संकल्प है। इसी कडी में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘‘दुर्गा शक्ति रैपिड एक्षन फोर्स‘‘ की 24 कंपनियां स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं व अन्य महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से निपटने के लिए प्रदेश में 33 नए महिला पुलिस थाने और 239 महिला हैल्प डैस्क स्थापित किए गए हैं।

यह बात आज उन्होंने अम्बाला शहर स्थित पुलिस लाईन परिसर में 74वां गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उपस्थित लोगों को शुभ संदेष देते हुए कही। श्री विज ने इस मौके पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया तथा परेड की सलामी ली। गृहमंत्री ने इससे पहले अम्बाला शहर पुलिस लाईन स्थित शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा कि आज हम 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं और खुशी के इस मौके पर उन्होंने सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सन 1950 में आज ही के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। इसी संविधान के कारण हम सभी को समान न्याय, स्वतंत्रता एवं समानता का अधिकार मिला। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के साथ हमारे देशभक्तों के त्याग और बलिदान की एक लंबी गौरवगाथा जुड़ी हुई है। देश को आजादी दिलाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और उधम सिंह जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने लम्बा संघर्ष किया।

लिंगानुपात की दर में उल्लेखनीय सुधार हो रहा

गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने संदेश देते हुए कहा कि राज्य सरकार महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के फलस्वरुप प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात की दर में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला हैल्पलाइन-1091 और दुर्गा शक्ति ऐप, दुर्गा शक्ति रेपिड एक्शन फोर्स और दुर्गा शक्ति वाहिनी की स्थापना की गई है।

जीरो एफ.आई.आर. की अवधारणा शुरू की

गृहमंत्री ने कहा कि लोगों को एफ.आई.आर. दर्ज करवाने में दिक्कत न आए, इसके लिए जीरो एफ.आई.आर. की अवधारणा शुरू की गई है। अब किसी भी थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जा सकती है, चाहे घटना कहीं भी घटित हुई हो। पुलिस विभाग द्वारा 22 पुलिस-पब्लिक स्कूलों की स्थापना की गई है, जिनमें पुलिसकर्मियों के बच्चों को पढ़ाई के खर्चे में 50 प्रतिशत छूट दी जा रही है। मधुबन स्थित पुलिस कॉम्पलैक्स में फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला (एफ.एस.एल) में ट्रैकिया बार-कोडिंग सिस्टम का शुभारंभ किया गया।

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