May 12, 2024
हरियाणा सरकार में शिक्षा, वन व पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने बताया कि हमारे देश हिन्दूस्तान ने विदेशी देशों के बीच दोस्ती को एक नया रूप दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसके अगुवा रहे और पिछले 8 वर्षों में अमेरिका,रूस,ब्रिटेन,फ्रांस, आस्ट्रेलिया, डेनमार्क, सिंगापुर, साऊदी अरब,दुबई, चीन,मालदीव, मलेशिया, इंडोनेशिया, मंगोलिया, जापान, मध्य एशिया, पश्चिम एशिया और हिंद महासगार के कई देशों की यात्रा करके उन्होंने अपनी मंशा साफ कर दी, इन देशों में भारत सरकार ने अपनी विदेश नीति को तेजी से बढ़ाने का काम किया।
‘इन्फ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटीÓ को तवज्जो देते हुए भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ईरान के साथ चाबहार पोर्ट विकसित करने को लेकर समझौता किया और दक्षिण एशिया व मध्य एशिया को जोडऩे का प्रयास किया,अफगानिस्तान भी इसमें एक साझेदार है। उन्होंने बताया कि इसी तरह, भारत-म्यांमार और थाईलैंड के बीच त्रिपक्षीय राजमार्ग की तरफ तेज कदम बढ़ाए गए, ‘मेक इन इंडियाÓ पर भी खासा ध्यान दिया गया और यह कोशिश की गई कि रक्षा सहयोग बढ़ाने के साथ ही विनिर्माण-तकनीक भी भारत लाई जाए, ताकि देश में ही रक्षा उत्पादों को बनाने का मौका मिले। इसके माध्यम से रोजगार-सृजन का सपना भी देखा गया।
   सबसे बड़ी उपलब्धि विदेश नीति को आम जनता से जोडऩे की कोशिश रही है, पश्चिम एशिया के उथल-पुथल भरे हालात से सुरक्षित निकालने की जिसने भी गुहार लगाई, उसे तत्काल निकाला गया। इसमें भारतीय ही नहीं, बल्कि वहां फंसे दूसरे देशों को नागरिक भी रहे। सभी को सुरक्षित निकाल लाया गया। यह एक नई पहल है जिसे पूरे विश्व में सराहा गया है, हिन्दूस्तान का नाम पूरे विश्व में ऊंचा हुआ है, कुछ ऐसी ही प्रशंसा भारत सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक के लिए भी मिली, जिसके माध्यम से पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ संभव नहीं।
यह भारत की विदेश नीति के रवैये में आई बड़ी तब्दीली दिखाती है, सार्क सम्मेलन को लेकर ही हमारे रुख को जिस तरह कुछ पड़ोसी देशों ने सराहा और उन्होंने इस सम्मेलन से अपनी दूरी बनाई, वह बताती है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को लेकर ये तमाम देश भारत के साथ हैं,दक्षिण एशिया के अपने पड़ोसियों से सम्बन्ध सुधारना मोदी की विदेश नीति के केन्द्र में है।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने बताया कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में यह नया भारत है और जो भारत की तरफ आंख उठाकर देखेगा तो भारत उसके घर में घुसकर उसको सबक सिखाएगा, यह भारतीय विदेश नीति में आया सबसे बड़ा बदलाव है जिससे भारत का पूरे विश्व में नाम ऊंचा हो रहा है।

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