April 19, 2024
बढ़ते तापमान के मद्देनजर जिला वासियों से सावधानी बरतने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक तापमान स्थिर रहने की रिपोर्ट है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि अगर आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकले और दोपहर के समय ज्यादा मेहनत के कार्य से बचें, अगर जरूरी कार्य के लिए बाहर जाना पड़े तो सूती व ढीले कपड़ों का प्रयोग करें, सिर को ढक कर रखें, आंखों के लिए सनग्लासेज का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि शराब, चाय या कॉफी आदि का सेवन न करें। ऐसे मौसम में सत्तू, दही और छाछ का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
उन्होंने कहा कि अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह पर न जाएं और न ही बाहर से आकर तुरंत ए.सी. अथवा कूलर में बैठे। लू से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें। बाहर का खाना तथा गर्म व मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचें।
उन्होंने कहा कि धूप से आकर तुरंत हाथ-मुंह न धोयें और न ही पानी पिए, बल्कि इसके लिए थोड़ा सा इंतजार अवश्य करें, साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और अनावश्यक रूप से रेल, बस व पैदल यात्रा से बचें। उन्होंने कहा कि खाना बनाने, परोसने व खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं। बाजार में उपलब्ध पेय पदार्थों की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। गंदे-सड़े, गले व कटे फल और खुले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें भोजन व खाद्य सामग्रियों को ढक कर रखें।
हाथ-पैरों में जलन, थकान और शरीर का तापमान बढऩा लू के लक्षण है। लू लगने की स्थिति में झोलाछाप डॉक्टरों के उपचार से बचे। अपनी मर्जी से ग्लूकोज बोतल न चढ़वाएं। उन्होंने कहा कि अगर लू लगने के लक्षण नजर आए तो संबंधित व्यक्ति को तुरंत ठंडक में लिटाएं और कपड़े ढीले कर दें। तलवों में लौकी के रस की मालिश करें अथवा बर्फ की पट्टी रखें। शिकंजी, ग्लूकोज का घोल अथवा शरबत पिलाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लू लगने की स्थिति में पेशाब करने में परेशानी महसूस हो तो घरेलू उपचार के बजाय डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न ले।

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