April 24, 2024

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस अधीक्षक मोहित हाण्डा ने जिला पुलिस को अपराध व अपराधियों पर नकेल कसने के सख्त निर्देश दिए हुए हैं।इसी कड़ी में कार्य करते हुए इकनोमिक सेल की टीम ने पीडब्ल्यूडी में नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लाखों रुपए ठगने के आरोप में तेलीपुरा निवासी गुरमेल उर्फ गुरनाम, अंबाला के गांव गगनपुर निवासी रामकुमार को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गुरमेल ट्रक ड्राइवर है। वहीं रामकुमार मजदूरी करता है। इकोनॉमिक सेल की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर एक दिन के रिमांड पर लिया है।        .

                    सेल इंचार्ज निरीक्षक सोमवती ने बताया कि दोनों आरोपियों ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर 45 युवाओं को पीडब्ल्यूडी में रोजगार देने का झांसा दिया। इन 45 लोगों से करीब 15 लाख रुपए ठग लिए।

 उन्होंने बताया कि जगाधरी शहर पुलिस को विजय नगर कॉलोनी निवासी अमर सिंह की शिकायत दी थी कि उसके मामा रामकुमार ने उसे कहा था कि गुरमेल ने उसे पीडब्ल्यूडी में नौकरी लगवाया है और उसे भी लगवा देगा। तब उन्होंने 1.80 लाख रुपए में नौकरी लगवाने की बात कही। 50 हजार रुपए एडवांस में देने की बात कही। 11 जनवरी 2021 को उसने उन्हें 35 हजार रुपए एडवांस दे दिए थे और 15 हजार बाद में देने की बात कही। गुरमेल ने उसे कहा था कि उसका बेटा सौरभ विभाग में पीडब्ल्यूडी है। उसी के माध्यम से उसकी बात चल रही है। तब उसे बताया था उसकी 44 हजार रुपए सैलरी होगी। बाद में उसने 15 हजार रुपए और दे दिए थे। बाद में आरोपी कहने लगे कि विभाग में क्लर्क की पोस्ट है। उस पर वेतन 50 हजार होगा। अगर उस पर लगना है तो एडवांस में 1.20 लाख देने होंगे। इस पर उसने 69 हजार रुपए और दे दिए। वह 1.19 लाख रुपए उन्हें दे चुका था।

                 उन्होंने आरोपियों के झांसे में आकर अपने साले विपिन को नौकरी लगवाने के 60 हजार एडवांस और मौसी के बेटे साहिल को नौकरी लगवाने के नाम पर 50 हजार एडवांस दिए थे। वहीं उसकी पत्नी को नौकरी लगवाने के नाम पर 45 हजार एडवांस लिए थे। बाद में भी आरोपी उनसे पैसे लेते रहे। वह अपनी पत्नी व साले को नौकरी लगवाने के नाम पर 1.90 लाख रुपए दे चुका था। लेकिन नौकरी नहीं लगी। जब उसने अपने मामा से उसकी नौकरी के बारे में पूछा तो उसने भी कुछ नहीं बताया। उन्हें बाद में पता चला कि गुरमेल ने कई लोगों को नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगा हुआ है।

                 उन्होंने उससे अपने पैसे मांगे, लेकिन पैसे नहीं दिए। 10 जुलाई को इसको लेकर सरस्वती नगर में पंचायत हुई। वहां पर उसने लिखित में दिया कि वह पेमेंट वापस कर देगा। आरोपी ने अपनी बुआ के बेटे को पीडब्ल्यूडी में जीएम बताया था। बाद में उन्हें पता चला कि वह एक फाइनेंस कंपनी में नौकरी करता है। उन्हें पता चला कि आरोपी ने मुस्तफाबाद निवासी मनीष और ककडौनी निवासी सोहनलाल को भी नौकरी लगवाने का झांसा देकर पैसे ठगे हुए हैं। इस शिकायत पर पुलिस ने 28 अक्टूबर 2021 को धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।

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