अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 में ब्रह्मसरोवर के चारों ओर शिल्पकारों व दस्तकारों का बाजार सज चुका है। देश के विभिन्न हिस्सों से दस्तकार अपनी-अपनी कला के नमूने शिल्प और सरस मेले में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर प्रदर्शित कर रहे है और हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। विभिन्न राज्यों के दस्तकारों व शिल्पकारों के इस एकीकरण से कला के कदरदान भी अपनी पसंद की कलात्मक वस्तुओं का चयन करने में पूरा समय लगा रहे हैं और महोत्सव का भरपूर फायदा लेते हुए जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आये दस्तकारों व शिल्पकारों के चेहरे भी भीड़ देखकर खुश थे, क्योंकि दस्तकारों के लिए अपनी कला को प्रदर्शित करने का महोत्सव एक बड़ा अवसर उपलब्ध करवाता है। गीता महोत्सव के सरस और शिल्प मेले में विभिन्न राज्यों से आये दस्तकार व शिल्पकार जो अपने-अपने राज्यों की कला विशेष को प्रस्तुत किए हुए है, उनमें देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के बनारस से आए दस्तकार कडुआ बूटी प्रिंटिंग वाली मशहूर बनारसी साडिय़ां, इसी राज्य के मनका युक्त आर्टिफिशियल आभूषण व चाइना मिट्टी से बने सेरामिक कोटरी व हैंड पेंटेड क्राकरी, पश्चिम बंगाल की विशेष टेराकोटा मिट्टी व लकड़ी से बनी दस्तकारी के सजावटी सामान, राजस्थान की वेलवेट परहैंड मेड वाटर कलर पेंटिंग, गुजराती दस्तकारों द्वारा सूती कपडे पर हाथ की छपाई वाले आकर्षक डिजाइन से तैयार बेड शीट, सोफा कवर, पर्दे, तकिया कवर इत्यादि शामिल है, को पर्यटक खुब पसंद कर रहे है।
महोत्सव में इसी तरह पश्चिम बंगाल व मध्य प्रदेश के सूखे सजावटी व आकर्षक फूल, असम के दस्तकारों द्वारा बम्बू से बनाई सजावटी व घरो में प्रयोग होने वाली वस्तुएं, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की ब्रास मेटल की आकर्षक मूर्तियां व अन्य कलाकृतियां, पंजाब की मशहूर फुलकारी के डिजाइन वाले वस्त्र, हरियाणा की हैंड एम्ब्रॉयडरी, राजस्थान के दस्तकारों द्वारा बनाई पत्थर की आकर्षक मूर्तियां, कश्मीर के दस्तकारों को विशेष पहचान दिलाने वाली पश्मीना शाल व अन्य कश्मीरी वस्त्र तथा देवभूमि हिमाचल के दस्तकारों द्वारा बनाई गई विशेष हिमाचली टोपी व अन्य डिजाईनर हाथ की कढ़ाई वाले गर्म कपड़े पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है और महोत्सव में आने वाले पर्यटक इनकी जमकर खरीददारी भी कर रहे है।