
सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि दुनिया के सबसे बडे़ लोकतंत्र भारत और इसके गौरवशाली इतिहास पर आपातकाल गहरा धब्बा था। लोकतंत्र की निर्मम हत्या और ऐसी विभीषिका से जहां लोकतंत्र सेनानी व उनके परिवार आज तक नहीं उभर पाए हैं। आज हमारी जिम्मेदारी है कि लोकतंत्र सेनानियों का त्याग इतिहास के पन्नों तक सीमित न रहे और इस हकीकत से अछूती युवा पीढ़ी को उनके संकल्प, साहस से रूबरू कराया जाए।
बुधवार शाम को अग्रसेन धर्मशाला, कैथल में आपातकाल के काले अध्याय से 50 वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने जिला के लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिजनों को सम्मानित किया। गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि गौरवशाली इतिहास, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं को अपने में समेटने वाला हमारा देश भारत दुनिया में विश्व गुरु के तौर पर अपनी पहचान रखता है। हमारा गौरव शाली इतिहास रहा है. जिसमे अनेकों ऐसे अवसर है. जिन्हे याद कर सीना चौडा हो जाता है.
उन्होंने कहा कि इसी बीच 25 जून 1975 की काली रात में देश में लोकतंत्र की निर्मम हत्या की गई थी। उस विभिषिका से हमारा देश आज भी नहीं उभर सका है। 50 साल पहले, लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में घृणित आपातकाल का घृणित अध्याय जोड़ा गया था। यह वो दिन थे, जो इतिहास में दर्ज ही नहीं हुए, बल्कि देश, देशवासियों की आत्मा पर गहरे घाव छोड़ गए। सत्ता के मद में चूर कांग्रेस सरकार ने रात के सन्नाटे में आपातकाल लागू करके भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर सबसे बड़ा प्रहार किया गया था। उन्होंने कहा कि यह केवल संवैधानिक संकट नहीं था, यह उस आत्मा पर हमला था जो हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता और न्याय का अधिकार देती है।