कुरुक्षेत्र जिले में फसल अवशेषों में आग लगाने वाले किसानों को सेटेलाइट के साथ-साथ कृषि विभाग के अन्य अधिकारियों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है। इन दोनों माध्यमों के जरिए जिले में अब तक 349 जगहों पर फसल अवशेषों में आग लगाने की सूचना मिली है, इनमें से हरसेक सेटेलाइट से 142 और अन्य माध्यम से 207 सूचनाएं प्राप्त हुई है।
इन 349 जगहों में 326 जगहों पर आग लगाने की सूचना सही मिली है। अहम पहलू यह है कि फसल अवशेषों में आग लगाने वाले 291 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई और 7 लाख 65 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया है और 1 केस कार्रवाई की जा रही है।
कृषि विभाग के अधिकारियों को सख्त आदेश दिए गए है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर अपनी पैनी निगाहे रखेंगे और ऐसे लोगों के चालान कर उन पर जुर्माना लगाना भी सुनिश्चित करेंगे।
इन आदेशों की अवहेलना नहीं होनी चाहिए, सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी रखेंगे ताकि कोई भी व्यक्ति फसल अवशेषों में आग ना लगा सके। अगर कोई किसान या व्यक्ति फसल अवशेषों में आग लगाता है तो तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाए। अब तक इस जिले में बासमती की 20737 एकड़ और नॉन बासमती 258221 एकड़ भूमि पर धान की फसल की कटाई का कार्य किया जा चुका है।
अब तक कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से 207 मामलों और हरसेक के माध्यम से 142 मामलों सहित 349 स्थानों पर फसल अवशेषों में आग लगाने की सूचना मिली। इन सूचनाओं के आधार पर 326 जगहों पर फसल अवशेषों में आग लगाने की सूचना सही पाई गई। जिसके तहत 291 चालान करके 7 लाख 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से फसल अवशेषों का प्रबंधन करने के लिए किसानों को आर्थिक रूप से लाभ दिया जा रहा है। किसानों को प्रति एकड़ 1 हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना का अधिक से अधिक किसानों को फायदा उठाना चाहिए।
सीआरएम स्कीम के तहत कृषि विभाग की तरफ से आईईसी एक्टिविटी का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इन गतिविधियों के माध्यम से किसानों को फसल अवशेषों में आग ना लगाने के फायदों और नुक्सान के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।