April 15, 2024

तेजी से बढ़ रही महंगाई की मार पशु डेयरी व्यवसाय पर भी पड़ रही है। तूड़ी, खल, बिनौला, चूरी व अन्य पशु आहार के रेट काफी बढ़ चुके हैं। लेकिन महंगाई के हिसाब से दूध के रेट में ज्यादा बढ़ाेतरी नहीं हुई है। पशु डेयरी संचालकों का कहना है कि महंगाई की वजह से पशु डेयरी व्यवसाय घाटे का सौदा साबित हो रहा है। ज्यादा दूध देने वाली अच्छी भैंसों की कीमत डेढ़ लाख रुपये से ऊपर जा चुकी है। वहीं तूड़ी भी 1200 रुपये क्विंटल मिल रही है।

वहीं उनका दूध का रेट केवल 70 रुपये लीटर है। जिससे चारा व अन्य खर्च भी निकालना मुश्किल हो रहा है। जींद के जानेमाने पशु व्यापारी वकीला ने कहा कि पहले जो बिनौले का 50 किलो बैग 1200 से 1300 रुपये में मिलता था। उसके भाव दोगुने से ज्यादा हो चुके हैं। खल भी 2300 से 2400 रुपये प्रति बैग मिल रही है। तूड़ी भी महंगी हो जाने से पशु आहार का खर्च दोगुना से भी ज्यादा बढ़ चुका है।

महंगाई के हिसाब से दूध का भाव 90 रुपये प्रति लीटर होना चाहिए।पशु आहार खल, छिलका, दलिया, चूरी महंगी हो गई है। वहीं तूड़ी भी 1200 रुपये क्विंटल बिक रही है। इन दिनों अच्छी भैंस भी डेढ़ लाख रुपये से कम नहीं मिल रही है। पशु डेयरी संचालकों का कहना है कि जिस तेजी से पशु आहार और भैंसों के भाव बढ़े हैं। उसके अनुसार दूध के भाव नहीं बढ़े हैं। 70 रुपये किलो दूध है, जबकि लागत को देखते हुए भाव 90 रुपये होना चाहिए।

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