May 16, 2024

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि जिस तरीके से देश में तानाशाही का माहौल है, उसके लक्षण स्पष्ट नजर आ रहे हैं। विरोधी पार्टियों के नेताओं को झूठे केस में फंसा कर जेल में डाला देना। कोई शांतिपूर्ण प्रदर्शन करे, उसके साथ तानाशाह जैसा व्यवहार करना। ये तमाम वो चीज़ें हैं जो देश को तानाशाही की तरफ ले जा रही हैं।

उन्होंने कहा की मेरे साथ रिंकू जी और धर्मपाल लाट बैठे हैं और मेरे भी सिर पर पट्टी बंधी है। इसके अलावा 54 ऐसे लोग हैं, जिनके सिर फोड़े गए हैं या हाथ या पैर में फ्रेक्चर है। ये बर्बरता हरियाणा पुलिस के द्वारा कुरुक्षेत्र में की गई।

अरविंद केजरीवाल को झूठे केस में जेल में बंद किया गया है। इनके पास कोई भी सुबूत नहीं है, इनके पास कोई भी कानूनी अधिकार नहीं था। इसके बावजूद रात के अंधेरे में सिटिंग सीएम को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके विरोध में आम आदमी पार्टी के कुरुक्षेत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया।

उन्होंने कहा कि हम आज कई सारी तस्वीरें और वीडियो शेयर करेंगे। जो सुबूत हैं कि आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर हमला किया गया। इसके पीछे पुलिस की मंशा हमें रोकने की या प्रदर्शनकारियों को थामने की नहीं थी।

घायल अवस्था में  सड़क पर पड़े आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने चारों तरफ से घेरकर लाठीचार्ज किया। सिर के ऊपर निशाना बनाकर हमला किया गया।

उन्होंने कहा कि मुझे एक बार तो ऐसा लगा कि पुलिस आम आदमी पार्टी के नेताओं की हत्या करना चाहती है। वहीं बीच बचाओ कर रहे कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस ने बिना कुछ देखे लाठीचार्ज किया। कई सारे ऐसे तथ्य मौजूद हैं जिससे ये पता चलता है कि पुलिस बीजेपी के इशारे पर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं से बर्बरतापूर्ण व्यवहार कर रही है।

उन्होंने कहा की मैं ये पूछना चाहता हूं कि जब हरियाणा में चुनाव आचार संहिता लागू है तो सर्वोसर्वा चुनाव आयोग है। पूरा प्रशासनिक अमला चुनाव आयोग के हाथ में होता है।

ऐसे समय में हरियाणा पुलिस ने बीजेपी के इशारे पर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण हमला किया है। जिस तरीके से निशाना बनाकर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या की कोशिश हुई है।

इसके लिए भारतीय जनता पार्टी की जवाबदेह है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम चुनाव आयोग में भी रिप्रेजेंटेशन देंगे कि क्या चुनाव आचार संहिता के रहते इस प्रकार की बर्बरता की जा सकती है? किस प्रकार का खतरा नजर आ रहा था कि लोगों के सिरों पर लाठियां चलानी पड़ी?

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