May 18, 2024
प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री मातृत्व योजना के नियमों में बदलाव करते हुए कामगार महिलाओ को सुविधा प्रदान करने का अहम कदम उठाया है। कामगार महिलाओं को दूसरा बच्चा लड़का होने पर भी प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री मातृत्व योजना के तहत 5 हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने गर्भावस्था के दौरान हुए मजदूरी के नुकसान की भरपाई व स्तनपान कराने वाली महिलाओं में पोषण सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री मातृत्व योजना योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि दूसरे बच्चे के रूप में लड़के को जन्म देने वाली अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकेंगी।
इसके अतिरिञ्चत 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग महिलाओं सहित मनरेगा जॉब कार्ड, ई श्रम कार्ड, बीपीएल राशन कार्ड, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और किसान सम्मान निधि की लाभार्थी महिलाएं योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगी।  योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित महिला के परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सहायता राशि लेने के लिए गर्भावस्था के पंजीकरण के बाद कम से कम एक बार प्रसव पूर्व जांच के साथ ही बच्चे का पंजीकरण और उसे बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस बी के टीके लगवाना जरूरी है। मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आंगनवाड़ी वर्कर या आशा के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई कामगार महिलाओं के लिए पहले से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संचालित की जा रही है, जिसके तहत पांच हजार रुपये की सहायता राशि तीन किश्तों में दी जाती थी।
अब सहायता राशि दो किस्तों में देने का निर्णय लिया है। अब प्रथम किस्त के रूप में तीन हजार रुपये प्रसवपूर्व कम से कम एक जांच होने पर और दूसरी किस्त दो हजार रुपये बच्चे के जन्म का पंजीकरण व बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरे होने पर मिलेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *