May 5, 2024

मिट्टी का वाटर बर्ड पक्षियों की भाषा बोलता है। जी हां मिट्टी से हाथ के खिलौने बनाने वाले शिल्पकार कार्तिक ने बेजान मिट्टी के खिलौने में पानी डालकर पक्षी की आवाज सुनाकर सबको हैरत मेंं डाल दिया। इस प्रकार के खिलौनों को पुश्तों से तैयार कर रहे है।

इस महोत्सव में पहली बार शिल्पकार कार्तिक को एनजैडसीसी की तरफ से आमंत्रित किया गया। इस महोत्सव में केवल बच्चों के लिए ही मिट्टी से बने खिलौने तैयार करके लाए है।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 के शिल्प मेले में स्टॉल नम्बर 28 पर सजे मिट्टी के खिलौने बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे है। इस महोत्सव के पहले दिन शिल्पकार कार्तिक ने मिट्टी के पक्षी रखे है। उन्होंने बातचीत करते हुए कहा कि मिट्टïी के खिलौने बनाने का काम कई पीढियों से किया जा रहा है।

इस महोत्सव में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र की तरफ से पहली बार आमंत्रित किया गया है और तमिलनाडु से बच्चों के लिए मिट्टी के खिलौने बनाकर लाए है। इस महोत्सव में पहले दिन मिट्टी से बने पक्षियों को स्टॉल पर सजाया गया है। इन खिलौनो को वाटर बर्ड के नाम से पुकारा जाता है। यह वाटर बर्ड पक्षियों की भाषा बोलता है।

उन्होंने कहा कि इस मिट्टïी के खिलौने में थोडा सा पानी डालकर जब मुंह से हवा छोडी जाती है तो वह खिलौना पक्षियों की आवाज निकालता है। इस खिलौने की कीमत महज 50 रुपए रखी गई है। इस महोत्सव के दूसरे या तीसरे दिन मिट्टी से बने और खिलौनों को भी सजाया जाएगा।

पहली बार महोत्सव में गीता के उपदेश स्थली कुरुक्षेत्र में आने का अवसर मिला है और ब्रह्मसरोवर का मनोहर दृश्य उनके मन को भा गया है। इस महोत्सव में पहले दिन ही पर्यटक उनके खिलौनों को काफी पसंद कर रहे है। उनकों उम्मीद है कि उनका पहला अनुभव बहुत अच्छा साबित होगा। इस महोत्सव में प्रशासन की तरफ से भी शिल्पकारों के लिए अच्छे प्रबंध किए गए है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *