हरियाणा सरकार ने जो अवैध कालोनियों को नियमित करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा कॉलोनियों को नियमित करवाए। उन्होंने कहा कि जो भी जिले में अवैध कालोनियां है उन्हें पनपने नहीं दिया जाएगा। जो भी क्लोनाईजर अपनी कॉलोनियां काटना चाहता है वह सरकार से नियमों अनुसार अनुमति ले। उन्होंने कहा कि अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए डीटीपी कार्यालय द्वारा आवेदन मांगे जा रहे है।
आवेदन के लिए यह दस्तावेज जरूरी
इस मौके पर डीटीपी सतीश पुनिया ने बताया कि इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए मलकियत संबंधित सभी राजस्व दस्तावेज (जमाबंदी, इंतकाल, नकल रजिस्ट्री व सजरा), स्वामित्व के प्रमाण के साथ प्लॉट धारक की सूची, कॉलोनी का ले-आउट व सर्वे प्लान व ले-आउट प्लान सैटेलाइट इमेज पर भी तैयार कराए, कॉलोनियों में गलियों की चौड़ाई तथा अन्य सुविधाओं का विवरण दर्शाना होगा। इन सभी दस्तावेजों की तीन प्रतियां व एक सॉफ्ट कॉपी में डीटीपी के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। अधिसूचना संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला नगर योजनाकार कार्यालय, यमुनानगर में संपर्क किया जा सकता है तथा उक्त नीति की प्रति विभाग की वेबसाईट टीसीपीहरियाणाडाटजीओवीडाटइन से प्राप्त की जा सकती है।
कॉलोनियों का वर्गीकरण एवं मापदंड
कॉलोनियों के वर्गीकरण एवं मापदंडों के बारे में जानकारी देते हुए डीटीपी सतीश पुनिया ने बताया अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए बिल्ट अप एरिया आधार पर चार श्रेणी बनाई गई है। वर्ग ए में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 25 प्रतिशत तक निर्धारित किया गया है, जिसमें न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चैड़ाई 9 मीटर, न्यूनतम पार्क/खुला क्षेत्र 5 प्रतिशत, अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत होनी चाहिए।
इसी प्रकार बी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 25-50 प्रतिशत तक, न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चैड़ाई 6 मीटर, न्यनतम पार्क एवं खुला क्षेत्र 3 प्रतिशत, अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत होनी चाहिए।
वहीं सी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 50-75 प्रतिशत तक, न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चौड़ाई 6 मीटर तथा अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत होनी अनिवार्य है। इसी प्रकार डी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 75-100 प्रतिशत तक वाले एरिया में रोड की चौड़ाई 6 मीटर व वाणिज्यिक एरिया चार प्रतिशत होना चाहिए।