September 20, 2024

बहादुरगढ़ के छारा गांव की माटी से निकले पहलवान दीपक पूनिया ने उधर कामनवेल्थ में स्वर्ण पदक जीता और इधर उनके पिता सुभाष भावुक हो गए। कहा कि ओलिंपिक में दीपक के पदक से चूकने के बाद अब कुछ सुकून मिला है। दीपक ने भी कहा था कि स्वर्ण जीतकर ही लौटूंगा।

दीपक पूनिया के प्रथम कोच रहे गांव छारा के लाला दीवानचंद कुश्ती अखाड़ा के संचालक वीरेंद्र आर्य ने फाइनल में जीत से पहले कहा कि दीपक का स्वर्ण से कम मंजूर ही नहीं, क्योंकि मुकाबला पाकिस्तान के पहलवान से है। इसलिए स्वर्ण तो पक्का है।

बाद में जब जीत मिली तो वीरेन्द्र बोले कि पाकिस्तान के पहलवान से हार होती तो मलाल कभी दूर न होता। अब दोगुनी खुशी है। वहीं बजरंग पूनिया के स्वर्ण पदक जीतने पर भी कोच वीरेंद्र आर्य ने खुशी जताई। वे बजरंग के भी प्रथम गुरू रहे हैं। छारा के लाला दीवानचंद अखाड़े से ही बजरंग भी निकला है।

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