पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस FIR में धर्म शामिल करने पर सख्त कदम उठाया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा के DGP को नोटिस जारी कर आदेश दिए कि आगे से ऐसा नही होना चाहिए।
उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को कहा कि वे एफिडेविट देकर बताएं कि इस संबंध में सुधार के लिए क्या कदम उठाएंगे?। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की प्रथा पर रोक लगनी चाहिए। इससे पहले पंजाब को लेकर भी हाईकोर्ट इसी तरह के आदेश दे चुकी है।
हाईकोर्ट में जस्टिस जेएस सिंह पुरी अंबाला के एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इसी मामले में हाईकोर्ट ने नोटिस किया कि हरियाणा पुलिस FIR और दूसरी कार्रवाई में आरोपियों के धर्म भी शामिल कर रही थी।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट इसका संज्ञान ले रही है। FIR में आरोपी के धर्म का जिक्र करना गंभीर मामला है। इससे पहले पंजाब में भी एक मामले में ऐसा हो चुका है। हाईकोर्ट ने पुलिस कार्रवाई में जाति को शामिल करने का नोटिस लिया था।
हाईकोर्ट में पंजाब के इसी तरह के मामले में पुलिस ने एफिडेविट दिया था। जिसमें कहा था कि पुलिस मामले में किसी व्यक्ति के धर्म को शामिल नहीं किया जाएगा। इसके बाद पंजाब के DGP ने सितंबर 2022 में हाईकोर्ट में एफिडेविट दिया था।
जिसमें इसे रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया था। सुनवाई के दौरान जस्टिस पुरी ने पंजाब की तरफ से दिए एफिडेविट और पत्र आदि को हरियाणा को भी देने के आदेश दिए।