हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य की लगभग 162 पीएचसी को चिन्हित किया गया है जिन्हें तोडकर नया बनाया जाएगा और इनका डिजाईन एक जैसा होगा।
इसके अलावा, पीएचसी स्तर पर ईसीजी और एक्सरे की सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी। श्री विज आज यमुनानगर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कर-कमलों से 46 स्वास्थ्य सेवाओं के उदघाटन किए जाने के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
विज ने कहा कि ‘‘मैंने अपने विभाग को आदेश दिया है कि जितनी भी टूटी-फूटी हमारी पीएचसी है उनको तोडक़र नई पीएचसी बनाई जाए। उन्होंने कहा कि कभी जमाना था जब एक टूटी फूटी पीएचसी/अस्पताल में एक डाक्टर बैठा होता था और सामने 200-300 मरीजों की लाइन लगी होती थी, जब तक हम एनवायरमेंट नहीं बदलेंगे हम उनसे पूरी तरह से नतीजे नहीं ले सकते।
उन्होंने कहा कि ‘‘मैंने आदेश दिए हैं कि पीएचसी लेवल तक ईसीजी और एक्सरे मषीन की सुविधा मुहैया करवाई जाए’’। उन्होंने कहा कि इस सुविधा को मुहैया करवाने के लिए विभाग ने योजना तैयार कर दी है ताकि लोगों को अच्छी सुविधा मुहैया कराई जा सके।
डब्ल्यूएचओ जीएमपी दवाई और यूएस-एफडीए प्रमाणित उपकरणों को लिया जा रहा है- विज
श्री विज ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले यहां पर नीली-पीली गोलियां देकर लोगों का इलाज किया जाता था लेकिन जब से हमारी सरकार आई है हमने फैसला किया है कि हम जो भी दवाई लेंगे वह डब्ल्यूएचओ जीएमपी लेंगें और हम उससे नीचे के मापदण्ड की कोई दवाई नहीं ले रहे हैं।
इसी प्रकार, यूएस-एफडीए प्रमाणित उपकरणों को अस्पतालों हेतू लिया जा रहा है क्योंकि जब तक अच्छे उपकरण नहीं होंगें तब तक डाक्टर अच्छा इलाज नहीं कर सकते।
चार जिलों में कैथलैब संचालित- विज
उन्होंने कहा कि एक समय था जब अस्पतालों में एक्सरें की मशीन भी नहीं हुआ करती थी हम आज कोशिश कर रहे हैं कि सभी जिला अस्पतालों में एक्सरे की मशीन, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और कैथ लैब संचालित हो। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य के चार जिलों में कैथ लैब संचालित हैं जिनमें अंबाला, फरीदाबाद और गुरूग्राम शामिल है और हम अब तक हजारों लोगों का जिंदगी बचा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच के कारण हम स्वास्थ्य विभाग का ढांचा पूरी तरह से बदलना चाहते हैं।
एक निर्णय से 400 निजी अस्पताल हुए एनएबीएच- विज
विज ने कहा कि हमने एम्पैनलमेंट की नीति में बदलाव किया है कि एनएबीएच अस्प्तालों को ही एम्पैनल करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हमारे एक निर्णय से राज्य के लगभग 400 निजी अस्पताल एनएबीएच हो गए। इसी प्रकार से सरकारी अस्पतालों को एनक्वेष मापदण्ड से सर्टिफाईड किया जा रहा हैं। इसके अलावा, ई-उपचार के माध्यम से सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को आपस में जोडा जा रहा है ताकि सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में ऑनलाईन के माध्यम से मरीजों की जानकारी उपलब्ध हो सकें।