May 16, 2024

हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि कबूतरबाजी पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा विधानसभा में आज हरियाणा टैªवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024 पारित किया गया है ताकि भोले-भाले लोग और युवा ऐसे कबूतरबाजों के चंगूल में न फंस सकें।

विज ने कहा कि टैªवल एजेंटों की पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, अखण्डता सुनिश्चित करने और उनकी अवैध और कपटपूर्ण गतिविधियों की जांच करने और अंकुश लगाने, हरियाणा राज्य के निवासियों के हितों की रक्षा करने के लिए ढांचा स्थापित करने और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए यह विधेयक लाया गया है।

उन्होंने सदन में सदस्यों को अवगत करवाते हुए बताया कि कबूतरबाजी एक गंभीर बीमारी का रूप ले चुकी है जिसके लिए यह विधेयक लाया गया है क्योंकि भोले-भाले लोग टैªवल एंजेंटों के चंगुल फंसकर अपना सब कुछ गवां रहे थे।

विज ने बताया कि कबूतरबाजी के मामलों के लिए उनके द्वारा पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती अरोडा की अध्यक्षता में एक एसआईटी-1 गठित की गई थी और इस एसआईटी ने अपने कार्यकाल के दौरान 593 अभियुक्तों को गिरफतार करने में सफलता हासिल की थी तथा कबूतरबाजों से लगभग एक करोड 81 लाख 57 हजार 800 रूपए रिकवर किए थे।

गृह मंत्री ने बताया कि इसके बाद गत 17 अप्रैल, 2023 में आईपीएस अधिकारी सिवाश कविराज की अध्यक्षता में एक ओर एसआईटी-2 गठित की गई और इस एसआईटी ने अब तक 604 अभियुक्तों को गिरफतार करके 3 करोड 3 लाख 4 हजार रूपए रिकवर करने में सफलता हासिल की है।

गृह मंत्री ने कहा कि कबूतरबाजी इतनी गंभीर बीमारी है पंरतु इस पर कोई कानून नहीं था। कबूतरबाजों के चंगुल में फंस कर अनेकों युवा बताए गए विदेशों में पहुंच ही नहीं पाए, कईयों का पता ही नहीं है और कई डंकी रूट के माध्यम से फंस जाते हैं तथा पीछे से उनके मां-बाप तडपते हैं।

उन्होंने हाल की एक खबर का जिक्र करते हुए कहा कि वे अभी हाल ही में एक खबर देख रहे थे कि टैªवल एजेंटों ने युवाओं को रूस में भेजा परंतु ये रूस में जब पहुंचे तो उन्हें यूके्रन युद्ध में लडाई करने के लिए खडा कर दिया गया है और आज ये युवा वहां पर फंसे हुए हैं।

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