May 2, 2024

चंडीगढ़/समृद्धि पराशर: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सामवेद का हिन्दी व उर्दू भाषा में अनुवाद करके प्रसिद्ध फिल्मी लेखक इकबाल दुर्रानी ने एक सराहनीय, अनुकरणीय एवं ज्ञानवर्धक कार्य किया किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे देश में हिन्दू मुस्लिम एकता को बल मिलेगा।

राज्यपाल आज यहां इंद्रधनुष सभागार में महाअभियान ‘सामवेद जन-जन तक‘ भव्य कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने मंत्रोचारण के बीच दीप प्रज्वलित कर भव्य कार्यक्रम की शुरुआत की।
उन्होंने इकबाल दुर्रानी को बधाई देते हुए कहा कि इस कार्य से उन्होंने समाज में एकता व समरसता को बढावा देने का कार्य किया है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने पहली बार कोविड के दौरान वेद का को पढा तो मालूम हुआ कि यह तो बहुत ही सरल व प्रेरणादायी ग्रन्थ है।

राज्यपाल ने कहा कि सामवेद हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध चार वेदों में से एक है। ‘साम‘ शब्द का अर्थ है ‘गान‘, सामवेद का अर्थ ‘गीत‘ क्योकि इसमें मुख्य गीत-संगीत हैं। सामवेद में यज्ञ, अनुष्ठान और हवन में गाए जाने वाले मंत्र हैं। ऋषि-मुनियों द्वारा सामवेद को संगीत के साथ गान करके देवताओं की स्तुति की जाती थी।

इससे पूर्व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि चारों वेदों में से सामवेद आकार व श्लोक संख्या में सबसे छोटा वेद है परंतु वास्तव में यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने वेदों में सामवेद को अपनी विभूति बताया है। उन्होंने कहा कि इकबाल दुर्रानी ने इसका दोनों भाषाओं में अनुवाद करके पूरी मानवता के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

इससे पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि वेद हमारी भारतीय संस्कृति का प्राचीन ग्रन्थ है। जिस प्रकार आज के युग में आईक्यू बढ़ रहा है तो ईक्यू कम हो रहा है। उन्होंने इसे संतुलित करने के लिए वेदों का अध्ययन को सर्वश्रेष्ठ बताया।

इस अवसर पर संस्थापक मुस्लिम राष्ट्रीय मंच डा0 इंद्रेश कुमार ने कहा कि सामवेद सृष्टि की सभी कलाओं को अपने अंदर समाए हुए है। इसमे अनुवाद में मानवीय व ईश्वरीय मुद्रा का सचित्र वर्णन है। उन्होंने बताया कि 14 मार्च 2023 को हिन्दी व उर्दू भाषा में अनुवादित ग्रन्थ का विमोचन सरसंघचालक मोहन राव जी भागवत द्वारा लाल किला के प्राचीर से सम्पन्न हुआ था। दोनों भाषाओं में अनुवादन के लिए उन्होंने इकबाल दुर्रानी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त के बाद यह ग्रन्थ सभी के लिए उपलब्ध होगा।
इस दौरान इकबाल दुर्रानी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सामवेद धर्म की धरोहर नहीं बल्कि इंसानियत का ग्रन्थ है। उन्होंने इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि स्कूलों में भी इस ग्रन्थ को पढाया जाना चाहिए।

इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष, ज्ञान चंद गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा दिल्ली कर्म सिंह कर्मा, पंजाब से बाबा भूपेन्द्र सिंह, मुस्लिम राष्ट्रीय संघ के संयोजक मोहम्मद अफजल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

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