May 16, 2024
अम्बाला लोक सभा सीट से कुल‌ तीन बार निर्वाचित भाजपा सांसद  सांसद रतन लाल कटारिया, जिनका 18 मई को दुखद निधन हो गया, के  कारण रिक्त हुई अम्बाला  (आरक्षित ) लोक सभा सीट पर आगामी 6 माह में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा  उपचुनाव करवाया जा सकता है हालांकि इस संबंध‌ में फाइनल निर्णय भारतीय चुनाव आयोग द्वारा लिया‌ जाएगा.
इसी बीच शहर निवासी   हाईकोर्ट एडवोकेट एवं कानूनी विश्लेषक  हेमंत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया जहाँ तक स्थानीय  अम्बाला लोकसभा सीट (हलके) की बात  है, यह सीट वर्ष 1962 से अनुसूचित जाति (एस.सी.) के लिए आरक्षित है. इस प्रकार इस सीट पर केवल एससी वर्ग का योग्य व्यक्ति ही चुनाव लड़ सकता है.
 
उन्होंने आगे बताया कि अम्बाला (आरक्षित) संसदीय सीट  में मतदाताओं की संख्या मौजूदा तौर पर करीब 20 लाख  है.  आज से चार वर्ष पूर्व मई, 2019 में जब पिछले लोकसभा  आम चुनाव हुए थे, तब अम्बाला लोकसभा सीट पर 18 लाख 53 हज़ार थे. इस प्रकार गत चार वर्षो में यह संख्या करीब डेढ़ लाख बढ़ी है.
ज्ञात रहे कि अम्बाला  लोकसभा सीट में कुल नौ विधानसभा हलके पड़ते  है जिसमे अम्बाला ज़िले के चार- अम्बाला शहर, अम्बाला कैंट, मुलाना (आरक्षित ) और नारायणगढ़,  पंचकूला जिले के कालका और पंचकूला  और यमुनानगर जिले के चार में से तीन — साढौरा (आरक्षित , जगाधरी और यमुनानगर विधानसभा हलके शामिल हैं जबकि ज़िले का चौथा रादौर हलका कुरुक्षेत्र लोकसभा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है.
हेमंत ने  आगे  बताया कि भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ ) द्वारा  प्रदेश  के सभी 22 ज़िलों में कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं की ताज़ा संख्या को इस वर्ष 1 जनवरी 2023 की योग्यता तिथि के आधार पर अपडेट किया गया था जिसके अनुसार  अम्बाला जिले के  मौजूदा  चार विधानसभा हलको में सबसे अधिक मतदाता संख्या अम्बाला शहर विधानसभा हलके में अर्थात 2 लाख 64 हजार 120 हैं.  हालांकि गत वर्ष यह संख्या  2 लाख 67 हज़ार 917  थी. इस प्रकार गत एक वर्ष में अंबाला शहर विधानसभा हलके के मतदाताओं की संख्या 3 हजार 797 घट गयी.
अम्बाला कैंट विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या अब 2 लाख 8 हजार 99 है जबकि नारायणगढ़  हलके में  1 लाख 97 हजार 11 मतदाता हैं. वहीं मुलाना (आरक्षित ) क्षेत्र में ताज़ा आंकड़ों अनुसार  2 लाख 31 हजार 236 मतदाता हैं.
हेमंत ने  यह भी बताया कि   दिसम्बर, 2021 में  देश की संसद द्वारा  निर्वाचन विधि  (संशोधन) कानून, 2021 पारित किया गया था जिसे  29  दिसंबर, 2021 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति की स्वीकृति  प्राप्त हुई थी.  उक्त संशोधन  कानून को  1 अगस्त, 2022 से लागू किया गया था.
इसके द्वारा   लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में अन्य संशोधनों के साथ ही   यह  भी  प्रावधान किया गया है कि हर वर्ष केवल 1 जनवरी को ही नहीं बल्कि  1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को भी 18 वर्ष  की आयु पूरे करने वाले स्थानीय निवासियों  का नाम सम्बंधित क्षेत्र की मतदाता सूचियों में शामिल किया जा सकता है.

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