November 22, 2024
हरियाणा व केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश में कृषि अवसंरचना कोष योजना क्रियान्वित की जा रही है, जिसके तहत विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं के लिए अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
नाबार्ड के सहयोग से चलाई जा रही इस योजना के तहत अधिकतम 7 वर्षों तक किसान को लोन मिलता है,  जिसमें 2 वर्षों तक ऋण वापसी स्थगन अवधि भी शामिल है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए एग्री इंफ्रा पोर्टल  पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर आवश्यक दस्तावेजों की सूची भी उपलब्ध है।
कृषि अवसंरचना कोष योजना के तहत कृषि उद्यमी, स्टार्ट-अप, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन, संयुक्त देयता समूह, प्राथमिक कृषि साख समितियां, विपणन सहकारी समितियां, बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, कृषि उत्पाद विपणन समितियां तथा सहकारी संघ ऋण सुविधाएं प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने बताया कि इस योजना में ई-मार्केटिंग प्लेटफोर्म, गोदाम, साइलो, पैक हाऊस, परख इकाईयां, सॉर्टिंग और ग्रेडिंग इकाईयां, कोल्ड चेन, रसद सुविधाएं, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र, पकाने वाले कक्ष और अन्य व्यवहार्य परियोजनाओं सहित आपूर्ति श्रृंखला सेवाओं जैसी फसल उपरांत प्रबंधन परियोजनाएं शामिल है।
सामुदायिक कृषि परिसम्पत्तियों के निर्माण के लिए भी आवेदन किया जा सकता है, जिनमें जैविक निविष्टï उत्पादन, जैव उत्तेजक उत्पादन इकाईयां, स्मार्ट और स्टीक कृषि के लिए बुनियादी ढांचा, निर्यात समूहों सहित फसलों के समूहों के लिए आपूर्ति श्रृंखला बुनियादी ढांचा आदि भी समिलित है। यदि कोई आवेदक किसी अन्य योजना में अनुदान प्राप्त कर रहा है तो वह भी इस योजना का लाभ ले सकता है।
कृषि उपनिदेशक ने बताया कि इस योजना के तहत ऋण के प्रथम भुगतान की तिथि से 7 वर्षों तक 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज छूट मिलेगी। सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपये तक के निवेश पर क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटर प्राइजिज के द्वारा क्रेडिट गारंटी भी प्रदान की जायेगी। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर क्रेडिट गारंटी व्यय को सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। इस योजना का पात्र बनने के लिए उधारकर्ताओं के लिए उपलब्ध पूंजी सब्सीडी के बावजूद कुल परियोजना लागत का कम से कम 10 प्रतिशत योगदान करना अनिवार्य है।

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