हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि भाजपा नेता सोनाली फौगाट की मौत मामले में उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा इस मामले में जो भी सच्चाई है वह जांच में सामने आनी चाहिए।
श्री विज गुरुवार अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोनाली फौगाट मौत के मामले में उनके परिवार ने कई संगीन आरोप लगाए है और इन आरोपों की उच्चतरीय जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार की बात मानी जानी चाहिए ताकि मामले में जो भी सत्य है वह सामने आ सके। उन्होंने कहा गोवा सरकार को सोनाली फोगाट के परिवार की मांग को मानना चाहिए। गौरतलब है कि गत दिवस गोवा में भाजपा नेता सोनाली फोगाट की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। सोनाली फौगाट के परिवार ने इस मामले में कई आरोप भी लगाए थे।
आम आदमी पार्टी पर गृह मंत्री विज कटाक्ष करते हुए बोले ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’
आम आदमी पार्टी पर गृह मंत्री अनिल विज ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को तो यह हाल है कि ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’। उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी से अपने विधायक संभले नहीं जा रहे हैं और ऐसे में दूसरों पर आरोप लगाना सरासर गलत है। गौरतलब है कि गत दिनों में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बैठक से आठ विधायक गायब थे एवं उनसे संपर्क नहीं होने पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप जड़े थे।
प्रदेश में भाजपा सरकार, हमारी नीतियां पारदर्शी
इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला के बयान पर कटाक्ष करते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कोई कुछ भी बोले, मगर प्रदेश में सरकार तो अभी भाजपा की ही है। उन्होंने कहा कि किसी को गुमराह नहीं किया गया। हमारी नीतियां पारदर्शी हैं और सिस्टम ऑनलाइन कर दिया गया है और ऐसे में कोई किसी को गुमराह नहीं कर सकता है। गौरतलब है कि गत दिनों चौटाला ने एक ब्यान में भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लेकर कर रहे अध्ययन : विज
गृहमंत्री अनिल विज ने अम्बाला में किसानों के धरने को लेकर कहा कि मुश्तरका मालिकान जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश है उस पर अध्ययन किया जा रहा है। किसान धरना दें और किसी को भी धरना देने का अधिकार है।
वहीं, अम्बाला में सेंट्रल फीनिक्स क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान शराब परोसे जाने के संबंध में मंत्री विज ने कहा कि अम्बाला की मंडल कमिश्नर स्वयं इस क्लब की अध्यक्ष है और यदि ऐसा मामला है तो उन्हें स्वयं इसपर संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की जानी चाहिए।