एक बार फिर से किसान आंदोलन शुरू किया जाएगा और इस बार पहले की अपेक्षा ज्यादा संख्या में किसान दिल्ली बार्डर पर जुटेंगे। इसके लिए सभी किसान संगठनों को एकजुट किया जा रहा है और जिला स्तर पर कमेटियां बनाई जा रही हैं। जल्द ही जीन्द में किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें किसानों की मांगे पूरी नहीं होने पर सभी किसान संगठनों द्वारा बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करते हुए कई निर्णय लिए जाएगें।
यह निर्णय चरखी दादरी में किसानों संगठनों की अन्नदाता किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरुमुख सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में लिया गया। मीटिंग में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए मुकदमों, जेलों में बंद किसानों की रिहाई, किसान पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने, एमएसपी गारंटी कानून बनाने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू कराने, फसल बीमा मुआवजा, नहरी पानी सप्लाई, तुड़ी पर बेन, कर्ज माफ कराने, भूमी अधिग्रहण विधेयक सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। मीटिंग में सभी किसान संगठनों को एकजुट कर फिर से किसान आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया।
किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने भी आंदोलन को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए एकजुट होने का आह्वान किया।
मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए अन्नदाता किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरुमुख सिंह ने कहा कि किसानों को ना मिला एमएसपी और ना ही दर्ज मुकदमे वापिस हुए हैं।
केंद्र सरकार ने किसानों के साथ वायदा खिलाफी की है। ऐसे में अब किसान संगठनों को एकजुट करते हुए जीन्द में किसान सम्मेलन कर बड़े फैसले लिए जाएंगे। हरियाणा के प्रत्येक जिलों में किसान संगठनों के साथ मीटिंग कर एकजुट करेंगे। कहा कि दिल्ली बार्डर पर किसानों ने धरना स्थगित किया था, जरूरत पडऩे पर फिर से बार्डर सील करेंगे।