October 22, 2024

यमुनानगर/समृद्धि पराशर: हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ने से ‘बहुत बड़ा नुकसान’ हो सकता था। मंत्री ने कहा कि जब बाढ़ आ जाए या भारी वर्षा हो जाए जैसा कि पिछले कुछ दिनों में हमने हिमाचल प्रदेश और अपने राज्य में भी में देखा है, तो पानी छोड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता है। यदि हम पानी रोक लेते हैं तो स्थिति विध्वंसकारी होगी।” पाल ने कहा कि हथिनीकुंड में जलाशय की भांति बहुत बड़ी मात्रा में पानी को भंडारित करने की प्रणाली नहीं हैं ।

उन्होंने कहा कि यदि मान्य सीमा के बाद बैराज में पानी रखा जाता है तो ‘बहुत बड़ा नुकसान’ हो सकता है। एक दिन पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया था, ‘‘ यदि संभव हो तो हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सीमित रफ्तार से पानी छोड़ा जाए।” उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि दिल्ली कुछ सप्ताहों के अंदर जी 20 सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है। मूसलाधार बारिश से दिल्ली में उफनती यमुना में बृहस्पतिवार को जलस्तर 208.48 मीटर तक पहुंच गया तथा आसपास की सड़कों, सरकारी एवं गैर सरकारी ढांचों/ भवनों में पानी घुस गया एवं नदी के समीप रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा हैं। हर घंटे बिगड़ रही स्थिति के मद्देनजर केजरीवाल ने केंद्र से हस्तक्षेप करने की अपील की तथा दिल्ली पुलिस ने बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में धारा 144 लगा दी ताकि चार या उससे अधिक लोग इकट्ठा न हों।

इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 10 बजे यमुनानगर में हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से जलप्रवाह 1.62 लाख क्यूसेक था जो मंगलवार सुबह के जलप्रवाह से काफी कम है। मंगलवार को यह करीब 3.21 लाख क्यूसेक था। हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में पिछले कुछ दिनों के दौरान भारी वर्षा होने के कारण हथिनीकुंड बैराज में जलस्तर मान्य सीमा के पार चला गया जिसके बाद अतिरिक्त पानी को यमुना नदी में छोड़ दिया गया। फलस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया। हथिनीकुंड से छोड़े गये पानी को आमतौर पर दिल्ली पहुंचने में दो से तीन दिन लगते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह ने बताया कि हथिनीकुंड एक ऐसा बैराज है जिसका डिजायन पानी को रास्ता बदलने या उसे विनयमित करने के लायक है। सिंह ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय जल आयोग की सिफारिशों का ‘हथिनीकुंड बैराज की रक्षा’ के लिए पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ हथिनीकुंड से यमुना नदी में छोड़ा गया पानी ऐसा पानी है जो लगातार हिमाचलप्रदेश और उत्तराखंड से अत्यधिक वर्षा के कारण आ रहा है।”

उन्होंने कहा कि सीमित मात्रा में पानी छोड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं है और यह हरियाणा के हित में भी होगा।” बैराज के तकनीकी पहलू को स्पष्ट करते हुए हथिनीकुंड बैराज के अधीक्षण अभियंता रवि मित्तल ने कहा, ‘‘ बांध और बैराज में मुख्य अंतर यह है कि बांध में पानी का भंडारण किया जा सकता है लेकिन बैराज में उसे नहीं रोका जा सकता । यह एक प्रकार से मार्ग परिवर्तन भर है जहां हमारे पास सीमित नियंत्रण होता है। उन्होंने कहा कि बैराज में जलाशय नहीं होता है और हमारे पास यहां पानी को रोककर रखने की कोई प्रणाली नहीं है। यदि बैराज में कुछ हजार क्यूसेक पानी है तो भी उसे यमुना नदी में छोड़ना होता है। हिमाचल प्रदेश में हाल की भारी वर्षा के बाद हमने हजारों क्यूसेक पानी बहते देखा।

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