कैथल के हिंदू कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला स्कूल के प्रबंधक समिति ने फूल मालाओं से किया स्वागत बच्चों ने तिलक कर पुष्प वर्षा की जिससे दिग्विजय चौटाला काफी खुश नजर आए
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों ने बहुत अच्छी तरीके से स्वागत किया और मैं उनसे मिलकर काफी प्रसन्न हूं यह हमारा भविष्य है और इनके उज्जवल भविष्य के लिए मैंने शुभकामनाएं देता हूं उन्होंने कहा कि आज मेरा आने का प्रयोजन 9 दिसंबर को भिवानी में होने वाली जननायक जनता पार्टी की स्थापना दिवस रैली को लेकर निमंत्रण देने आया हूं
कैथल में 20 करोड का गेहूं सड़ाने के मामले और फर्जी डिग्री लेकर सरपंच बनने के मामले प्रशासन के पास लंबित हैं इस पर बोलते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा कि प्रशासन को इस तरह के मामले दबाने नहीं चाहिए मामला मेरे संज्ञान में आया और मुख्यमंत्री से इस विषय में बात करेंगे .
पत्रकारों ने कहा कि गुहला- चीका में जजपा विधायक हैं और गुहला चीका का सारा बिज़नस पटियाला चला गया है क्योंकि कैथल से ग चीका की सड़क कई वर्षों से पूरी तरह से टूटी फूटी है और बुरी हालत में इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सड़क का टेंडर पास हो गया है और जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा
पंचायतों के गठन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 से चुनाव देरी से हुए पूरी कमान अधिकारियों के हाथ में चली गई थी जिसकी वजह से विकास के काम की गति धीमी हो गई थी लोकतंत्र की सुंदरता इसी में है कि चुने प्रतिनिधि विकास करवाते हैं क्योंकि उन्हें हर 5 वर्ष के बाद जनता के बीच में जाना होता है इसलिए अब चुने से प्रतिनिधि शपथ ले चुके हैं और जो पिछला सारा रुका हुआ काम था जल्द ही पूरा होगा,
एमबीबीएस के छात्रों के विषय पर बोलते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा कि हमारा पूरा समर्थन एमबीबीएस के छात्रों के साथ है जब भी एमबीबीएस के छात्र हमें कहेंगे तो हम उनके साथ बैठेंगे
रणदीप सुरजेवाला का बयान की अनिल विज और सरकार के बीच नूरा कुश्ती चल रही है इस बयान का समर्थन करते नजर आए दिग्विजय चौटाला. उन्होंने कहा कि सरकार के अंदर एक राय होनी चाहिए सरकार और कैबिनेट आंतरिक रूप से जुड़ा हुआ सिस्टम है और उसमें कहीं भी इस तरह की बातें नजर आएंगी तो वह गलत संदेश जाएगा.
ऐसा नहीं होना चाहिए. सरकार को एमबीबीएस के छात्रों की सभी मांगे मान लेनी चाहिए और जो हमारे मौलिक अधिकार है अब कल को कोई इंजीनियर की पढ़ाई करता है तो सरकार यह थोड़ी कह देगी कि उसे 7 साल हमारे यहां नौकरी करनी पड़ेगी यह सब मेरी समझ से परे है