जेजेपी की महिला विंग आने वाली 27 मई को झज्जर के गांव सुरखपुर में हरी चुनरी चौपाल का आयोजन कर रही है। लेकिन इस आयोजन की तिथि आने से पहले ही महिला विंग की जिलाध्यक्ष बबीता पूनिया ने पार्टी से किनारा कर लिया है और प्रदेश के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की नीतियों में आस्था जताई है। उन्होंने कहा है कि बेशक रणजीत चौटाला बतौर निर्दलीय चुनाव जीतकर आए है और गठबंधन सरकार को समर्थन दे रहे है। लेकिन वह व्यक्तिगत रूप से बड़े अच्छे व्यक्ति है।
यहीं वजह है कि वह उनकी नीतियों में विश्वास कर उनमें अपनी आस्था जता रही है। झज्जर के लोकनिर्माण विश्राम गृह में मीडिया के सामने बबीता पूनिया ने जेजेपी व उसके नेताओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि वह अजय सिंह चौटाला को अपना भाई मानती है और जिले की ऐसी एकमात्र महिला कार्यकर्ता है जिसने अजय जी के हर जन्मदिन पर रक्तदान किया हो। पार्टी के लिए पिछले कई सालों से जी-तोड़ मेहनत कर रही है।
लेकिन जो मेहनत उन्होंने की है उसके बदले पार्टी ने न तो उन्हें और न ही उनकी महिला साथी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया। यहीं वजह है कि उन्होंने अपनी सभी साथी महिलाओं के साथ जेजेपी छोडऩे का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि
कितनी हैरत की बात है कि चंड़ीगढ़ व सिरसा दोनों स्थानों पर पार्टी नेताओं के अपनी कोठी में होने के बावजूद उन्हें उनसे बगैर मिले ही वापिस लौटना पड़ा।
बबीता पूनिया अपने मकान के साथ की एक गली के न बनने से भी जेजेपी नेताओं से नाराज दिखी। उन्होंने कहा कि कई बार पार्टी नेताओं को मैसेज दिए जाने व अधिकारियों से सम्पर्क किए जाने के बावजूद उनकी एक गली नहीं बन पाई।