कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कमेटी रूम में बुधवार देर सांय कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा केयू में इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने और सहयोग करने के लिए सियोनलैब्स प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने केयू कुटिक टीम को बधाई देते हुए कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 औद्योगिक क्रांति 4.0 के उद्देश्यों के अनुरूप नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के फलस्वरूप एक विकसित पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से छात्रों में नवाचार, उद्यमिता एवं स्टार्टअप योग्यता विकसित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने में सहायक होगी। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र एन्टरप्रेन्योर बनकर आत्मनिर्भर बने व विकसित राष्ट्र के निर्माण में अपना अहम योगदान दे, इसके लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का इंक्यूबेशन सेंटर अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि केयू छात्र कुटिक में स्थापित स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से इस समझौते के तहत निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे तथा यह समझौता नवाचार एवं उद्यमिता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने इस समझौते के लिए सभी को बधाई दी। सियोन लैब्स का प्रतिनिधित्व उसके संस्थापक और सीईओ डॉ. संजय आहूजा व उनकी टीम के सदस्यों ने किया।
केयू कुटिक समन्वयक प्रो. अनुरेखा शर्मा ने बताया कि इस एमओयू का उद्देश्य इंडस्ट्री के सहयोग से शोध को संचालित करना, विशेषज्ञ कार्यशालाएं एवं प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन, विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों में कौशल विकसित करना, तकनीकी हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करना व स्टार्टअप, उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. संजीव अग्रवाल, रूसा समन्वयक प्रोफेसर प्रदीप कुमार, कुटिक समन्यवक प्रो. अनुरेखा शर्मा, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. राकेश कुमार, प्रो. अनीता यादव, प्रो. अश्वनी मित्तल, डॉ. रीता देवी, डॉ. रूचि गुप्ता, डॉ. हरदीप राय शर्मा सदस्य कुटिक और मनोज शर्मा, इनक्यूबेशन सलाहकार मौजूद रहे।