केंद्र सरकार द्वारा खरीफ सीजन की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि करने के फैसले का स्वागत करते हुए हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का धन्यवाद किया है।
स्कूल शिक्षामंत्री ने धान, कपास और बाजरा सहित अन्य खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि को ऐतिहासिक और अब तक की सबसे अधिक बढ़ोतरी करने वाला फैसला बताया है।
मंत्री नेे कहा कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों के आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी और वे और आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगें। उन्होंने कहा कि धान (सामान्य) के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 रुपये प्रति क्विंटल में 143 रुपये की बढ़ोतरी कर 2183 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
जबकि ए-ग्रेड धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2060 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2203 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य 7755 रुपये प्रति क्विंटल में 803 रुपये की वृद्धि कर 8558 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली के न्यूनतम समर्थन मूल्य 5850 रुपये प्रति क्विंटल में 527 रुपये की वृद्धि कर 6377 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य 6400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6760 रुपये प्रति क्विंटल, सोयाबीन का एमएसपी 4300 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 4600 रुपये प्रति क्विंटल, कपास (मीडियम) का एमएसपी 6080 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6620 रुपये प्रति क्विंटल, कपास (लॉन्ग) का एमएसपी 6380 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 7020 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
उन्होंने कहा कि बाजरा का एमएसपी 2350 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल, रागी का एमएसपी 3578 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3846 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का का एमएसपी 1962 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2090 रुपये प्रति क्विंटल, अरहर का एमएसपी 6600 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 7000 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द का 6600 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6950 रुपये प्रति क्विंटल, तिल के न्यूनतम समर्थन मूल्य 7830 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 8630 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार हाइब्रिड का एमएसपी 2970 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3180 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। उन्होंने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला निश्चित रूप से किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने वाला साबित होगा। एमएसपी के बढ़ोतरी से हरियाणा के लगभग 17 लाख किसान परिवारों को लाभ मिलेगा।