पुलिस अधीक्षक श्री मोहित हाण्डा ने पुलिस प्रवक्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि आजकल साइबर ठग ठगी करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि आजकल बहुत से बच्चे विदेशों में पढ़ाई के सिलसिले में गए हुए हैं। साइबर ठग इसी चीज का फायदा उठाते हुए विदेशों से कॉल करते हैं और कहते हैं कि आपके रिश्तेदार या आपके बच्चे का झगड़ा हो गया है और उस झगड़े में समझौता कराने के लिए पैसे देने पड़ेंगे। इसके अतिरिक्त साइबर ठग आपको यह भी कहते हैं कि आपके रिश्तेदार या आपके बच्चे का एक्सीडेंट हो गया है।
उसको पुलिस ने पकड़ लिया है उसको बचाने के लिए पैसे देने पड़ेंगे। या कहते हैं कि आपके बच्चे को किसी केस में पुलिस ने पकड़ लिया है। जिसकी एवज में वह आपसे पैसों की डिमांड करते हैं। लेकिन हम अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए बिना सोचे समझे ही उनको पैसे भेज देते हैं और बाद में हमें पता चलता है कि हमारे साथ तो ठगी हुई है। इसके अतिरिक्त विदेश से कोई आपका रिश्तेदार बनकर आपको कॉल करता है कि उसने आपके खाते में पैसे डाले हैं। वह पैसे आप से भारत में कोई एजेंट ले लेगा। साइबर ठग डाले हुए पैसों की नकली रसीद भी आपको व्हाट्सएप देता है।
पुलिस अधीक्षक ने इस बारे में एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि इस तरह के ठगो से सावधान रहें। यदि इस तरह की कोई फोन कॉल आपके पास आती है तो पहले अच्छी तरह इसकी जांच कर ले। उसके बाद ही अगला कदम उठाएं। हमें सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। साईबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। आमजन जागरुकता से ही साईबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकते हैं। इसके बावजूद साइबर क्राइम के शिकार होते हैं तो तुरंत भारत सरकार द्वारा जारी साईबर क्राइम हैल्प लाईन नंबर 1930 पर काल करें। साथ ही बताया की साईबर धोखाधड़ी के मामलों में अपनी शिकायत नेशनल साईबर क्राईम रिपोर्टिंग पोर्टल https//www.cybercrime.gov.in पर या नजदीकी थाना/चौंकी में शिकाय़त दर्ज करवा सकते हैं।