भारतीय सेना के अंबाला स्थित खड्गा कोर ने चीन-पाकिस्तान की मिलीभगत के भू-राजनीतिक, आर्थिक, राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक प्रभावों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया। पैनलिस्टों में इस विषय पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, पूर्व राजनयिक, शिक्षाविद और भारत के प्रख्यात थिंक टैंक के शोधकर्ता शामिल रहे।
खड्गा कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने भारत के लिए इसके निहितार्थों के साथ-साथ एशिया में बड़े भू-राजनीतिक निर्माण के हिस्से के रूप में विषय को खोलकर मंच तैयार किया। तीन सत्रों में वक्ताओं ने भारत के दो रणनीतिक पड़ोसियों और ऐतिहासिक संदर्भ, परिदृश्य, पुख्ता अभिसरण के निहितार्थ और उसी का मुकाबला करने के लिए संभावित रणनीतियों पर उनके दृष्टिकोण पर स्पष्ट विचार प्रस्तुत किए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे पश्चिमी कमान के सभी सैन्य स्टेशनों के लिए संगोष्ठी को कवर किया गया। संगोष्ठी के अंत में लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने वक्ताओं को खतरे को समझने और इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत करने में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया।