कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग में सोमवार को छात्रा कलाकार हरप्रीत कौर, अमृता कुमारी और अंजू की कला प्रदर्शनी ‘सिंक्रेटिज्म’ का उद्घाटन किया गया जिसमें मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने कलाकार छात्राओं से उनके विषय के विभिन्न तकनीक और बारीकियों के बारे में बातचीत करते हुए प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
डॉ. महासिंह पूनिया ने कलाकार छात्रा हरप्रीत को भविष्य के लिए अच्छी कामनाएँ देते हुए ‘दशम द्वार’ चित्र को सराहा। छात्रा अमृता ने अपने कार्यों के माध्यम से समाज में जागरूकता दिखाने की अच्छी कोशिश की है तथा छात्रा अंजू को बहुत अच्छे रंगों से प्रायोगिक कार्य करने के लिए सराहते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
हरप्रीत ने बताया कि उनकी सभी कलाकृतियाँ कला से आध्यात्मिकता की ओर तथा इसके विपरीत उनके जीवन की यात्रा को दर्शाती है। उनके चित्र यह व्यक्त करते हैं कि लिखने, पढ़ने और कला के माध्यम से खुद का कैसे चिंतन किया जाए।
कलाकृति बनाने की उनकी प्रक्रिया में वह अपने भीतर और अपने आस-पास के वातावरण में शांति महसूस करती हैं। वह चाहती हैं कि दर्शक उसी शांति का अनुभव करें जो वह अपनी कलाकृति के माध्यम से व्यक्त करना चाहती है।
अमृता का अपनी कलाकृतियों के माध्यम से उद्देश्य संस्कृति और समाज के जटिल ताने-बाने में उतरना है, तथा सामूहिक चेतना पर रूढ़िवादी मानसिकता के गहन प्रभाव की खोज करना बताया। उनके काम का केंद्र परिवर्तन की आशा का विषय है।
उनके केंद्र में स्वयं या गतिशील और विकासशील इकाई की अवधारणा निहित है जो सामाजिक अपेक्षाओं और व्यक्तिगत आकांक्षाओं की धारा को संचालित करती हैं।
अंजू ने बताया कि वह अपने कैनवास पर रंगों और रूपों के साथ खुलकर प्रयोग करना पसंद करती है। उनकी कलाकृतियों में अमूर्तता का प्रभाव देखा जा सकता है। वह अपनी कलाकृतियों के माध्यम से भावनाओं के निर्बाध रूप को प्रस्तुत करने का प्रयास करती हैं।
यह प्रदर्शनी 24 अप्रैल तक सुबह 10 से शाम 4 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। इस मौके पर अधिष्ठाता, प्राच्य विद्या संकाय एवं विभागाध्यक्ष, ललित कला विभाग डॉ. (प्रो.) राम विरंजन, डॉ. पवन कुमार, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. आर. के. सिंह, सुशील कुमार, आर.एस.पठानिया, सोहन दक्ष, रजनी धीमान, राजेश नागर सभी शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।