आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा से ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने बुधवार को पूंडरी विधानसभा के गांव एवं वार्ड में चुनावी यात्रा शुरू की। इससे पूर्व, उन्होंने कैथल में प्रेस वार्ता की।
उनके साथ पूर्व विधायक सुल्तान जंडौला, बलकार पुंडरी, राजीव आर्य, महेंद्र झांबा, गज्जन सिंह, नीता चौहान, सतबीर गोयत, सतपाल साकरा, कंवरपाल करोड़ा, प्रेम, धीमान, भूप सिंह सैनी, पूनम गुज्जर, प्रेमचंद्र गुज्जर, सरपंच जाडौला, सतबीर भाना, विरेंद्र श्योकंद, सोनिया शर्मा और देवेंद्र हंस मुख्य तौर पर मौजूद रहे।
उन्होंने अपनी चुनावी यात्रा गांव टीक से शुरू की। इसके बाद वे बंदराणा में लोगों से मिले। वहां से रसूलपुर में ग्रामीणों से रूबरू हुए। इसके बाद गांव खेड़ी रायवाली में पहुंचे। यहां से गांव सोलू माजरा, गांव चुहड़ माजरा, मटरवाखेड़ी, गांव डुलयानी, गांव टयोंठा, संगरौली और दुसैन में लोगों को संबोधित किया और आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने बुजुर्गों और महिलाओं का आशीर्वाद लिया और “इंडिया” गठबंधन को भारी बहुमत से जिताने की अपील की।
डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा वे कुरुक्षेत्र लोकसभा के गांवों में दौरे कर रहे हैं। हर रोज़ हज़ारों की तादात में किसान भाई मुझसे आकर मिल रहे हैं।किसान बहुत ग़ुस्से में हैं। वे कहते हैं कि उनपर पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, पैलेट गन से हमला किया गया।
किसानों पर रासुका लगाया गया। बैंक खाते सील किए, उनकी प्रॉपर्टी ज़ब्त की गई। जिन किसानों को बीजेपी सरकार ने लाठियों से पीटा, आज उन्हीं किसानों से बेशर्मी से वोट माँगने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा किसानों ने इन लोगों की गाँव में एंट्री बंद कर दी है। किसानों ने गांवों में बोर्ड लगाने का काम किया। बीजेपी- जेजेपी नेताओं को गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा।
किसानों ने कहा कि हमें नेशनल हाईवे पर रोका गया, हम गांवों में घुसने से रोकेंगे।आज इनको लगता है कि किसान डर के घर बैठ जाएगा। किसान सड़कों पर बीजेपी की लाठियों से नहीं डरा, अब इनसे क्या डरेगा?
उन्होंने कहा कि जिन किसानों पर इन्होने अत्याचार किए, आज वही किसान इनको इनकी हैसियत याद दिला रहे हैं। जिन किसानों ने मेहनत से अपनी फसल तैयार की है, ये चाहते हैं कि कौड़ियों के भाव बिके। ये चाहते हैं कि किसान लाइनों में लगा रहे। ना मंडियों में कोई सुविधा मिले, ना पीने का पानी मिले और मंडियों में ऐसे ही धक्के खाता रहे।
उन्होंने कहा ये मंडियों को खत्म करना चाहते हैं और ताकि किसान अपनी फसलों को अडानी के गोदामों में रखने को मजबूर हो। अडानी के गोदामों में औने पौने भाव पर बेचने को मजबूर हो। इस देश और प्रदेश का किसान इस बात को समझ चुका है।
यही कारण है कि जिन काले क़ानूनो को रद्द करवाने के लिए 700 से ज्यादा किसानों ने शहादत दी थी। ये उन्हीं काले क़ानूनो को बैक डोर से लागू करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा जब तक आम आदमी पार्टी है, तब तक तो इनके मक़सद को कामयाब नहीं होने देंगे। आम आदमी पार्टी हमारे किसान भाइयों को अडानी का मज़दूर नहीं बनने देगी।