November 22, 2024

प्राइमरी स्कूलों के बच्चे रामलीला के पात्रों में नजर आएंगे। बाल राम लीला के मंचन के लिए सभी प्राइमरी स्कूलों में  तैयारी करवाई जा रही है, 15 अक्तूबर तक सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को रामलीला मंचन की तैयारी करवाई जायेगी, 16 अक्तूबर को प्रदेश के सभी प्राइमरी स्कूलों में निपुण हरियाणा मिशन के तहत इसका मंचन होगा।

बच्चे सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों से रूबरू करवाएंगे। बाल रामलीला के लिए शिक्षक छोटे-छोटे संवाद तैयार कर रहे हैं, ताकि बच्चे आसानी से उन्हें याद कर सकें।   स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि बच्चों को शुद्ध उच्चारण और प्ले के जरिए संवाद दक्षता में निपुण बनाना व रामलीला का महत्व बताने के उद्देश्य से यह मंचन करवाया जा रहा है। इसके जरिये विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर बढ़ेगा।

उन्होंने बताया कि रामलीला के आयोजन के समय तीन से चार मिनट का वीडियो बनाकर ऑनलाइन फेसबुक और हैशटैग निपुण हरियाणा, निपुण रामायण और निपुण एफएलएन पर भेजनी होगी, इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से आदेश भी जारी किए गए हैं।

सभी स्कूलों के शिक्षक रामलीला का वीडियो बनाकर ऑनलाइन भेंजेगे जिस स्कूल के बच्चों का मंचन सबसे बेहतर होगा, उसे निपुण हरियाणा के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक पेज पर प्रसारित व प्रचारित किया जाएगा।

वीरवार को जारी एक बयान में हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया की शिक्षा विभाग की तरफ से एक बहुत अच्छा प्रयास किया जा रहा है। रामलीला के माध्यम से बच्चें अपनी कला संस्कृति से जुड़ेंगे और अच्छे संस्कार भी सीखेंगे। बच्चों को भगवान श्री राम के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त होगी जिसका उन पर बहुत प्रभाव पड़ेगा।

रामलीला के मंचन से उन्हे दूसरों को सम्मान देने, अपने वचनों को पूरा करने, मर्यादा में रहने, कमजोरों की रक्षा करने जैसे गुर मिलेंगे, जो जीवन भर उनके काम आएंगे। वही संवाद बोलना, लिखना, पढऩा और भाषा के शुद्ध आचरण का ज्ञान भी प्राथमिक स्तर से ही होगा।

उन्होंने बताया कि निपुण बाल रामलीला करवाने के पीछे विभाग का उद्देश्य बच्चों की भाषा व संवाद को बेहतर बनाना है। रामायण के पात्रों से उनके नैतिक व बौद्धिक स्तर में बढ़ोतरी होगी। छोटे-छोटे संवाद के जरिए उन्हें रामायण से जोडऩे की कोशिश की जाएगी ताकि बच्चों में शुरू से ही त्याग, समर्पण, ईमानदारी और वचन परायणता जैसे गुण पैदा हो सकें और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा मिल सके।

उन्होंने कहा कि लंबे समय से भारत में रामलीला का मंचन हो रहा है और बहुत अच्छी संख्या में लोग रामलीला का मंचन देखने भी जाते है लेकिन जब से टेलीविजन आया है तो देखने वालों की संख्या कम हुई है इस प्रकार का प्रयास बच्चों को बहुत प्रभावित करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *