हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि जो भी छिपा हुआ गोलमाल है, वह सब बाहर लाया जाएगा। मुख्यमंत्री हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान परिवार पहचान विधेयक पर विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार सुधारात्मक योजनाओं को लेकर आ रही है , इससे विपक्षी दलों में घबराहट है। उन्होंने कहा कि अभी तक सिस्टम ऐसे बने हुए हैं कि जो दबंग है और ऊंचा बोल सकता है वह तो सभी योजनाओं का लाभ ले जाता है, लेकिन जो गरीब है और अपनी बात बोल नहीं सकता वह आज भी सुविधाओं से वंचित है। अंतिम व्यक्ति की चिंता के लिए किसी ने भी सिस्टम नहीं बनाया। परिवार पहचान पत्र योजना अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से इस योजना पर काम किया जा रहा है। प्रदेश में 64 लाख परिवारों ने परिवार पहचान पत्र में अब तक रजिस्ट्रेशन करवा दिया है। जो भी कोई सरकारी सेवा का लाभ उठाना चाहता है उसके लिए हरियाणा निवासी होने का कोई तो दस्तावेज होना चाहिए। हरियाणा सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं पर हरियाणा के नागरिक का पहला अधिकार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने प्रदेश के नागरिक को सुविधा देने के लिए डाटा की जरूरत है। अलग अलग विभागों के पास अपना अपना डाटा है लेकिन उसका मिलान करते हैं तो वह कहीं भी मेल नहीं खाता । इस बात को ध्यान में रखते हुए युनिक डाटा तैयार करने के लिए परिवार पहचान पत्र योजना बनाई गई है।
बीपीएल परिवारों को होगा लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि बीपीएल परिवार के लिए अभी तक दस शर्तें होती थी जिनमें फ्रिज, टीवी जमीन आदि ना होने की शर्त भी शामिल थी। उन्होंने बताया कि अभी तक बीपीएल उसे माना जाता है जिस परिवार की सालाना आय एक लाख 20 हजार रुपए है। परिवार पहचान पत्र योजना के तहत 1.80 लाख रुपए की सालाना आय वाले परिवारों को बीपीएल में शामिल किया जाएगा। इससे प्रदेश के लगभग 3 लाख और परिवारों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
कोर्ट से मिल चुकी है स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिस पर कोर्ट ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के डाटा एकत्र करने पर कोई आपति नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी इस योजना की देश ही नहीं विदेश में भी चर्चा है। जर्मनी के एम्बेसडर ने भी इस योजना को समझा और सराहना की।
रियल टाईम डाटा होगा उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के साथ जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीकरण को भी जोड़ा जाएगा। इससे हमारे पास रियल टाईम डाटा उपलब्ध होगा, जिससे योजना बनाने और क्रियान्वित करने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा के 3.30 लाख सरकारी कर्मचारियों में 298274 कर्मचारियों ने अपना परिवार पहचान पत्र बनवा लिया है।
डाटा पूरी तरह सुरक्षित
मुख्यमंत्री ने बताया कि सिस्टम में बहुत से डाटा हैं जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। परिवार पहचान पत्र का डाटा सुरक्षित करने के लिए आईटी सिक्योरिटी फीचर इस्तेमाल किए गए हैं। बिना अनुमति के कोई भी इस सूचना का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। इस डाटा की किसी प्रकार की चोरी होती है तो सजा का प्रावधान भी किया गया है।