हरियाणा पर कर्ज को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष में रार बढ़ रही है। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जहां कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रदेश पर चार लाख 15 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का दावा किया है, वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे खारिज करते हुए कैग रिपोर्ट में कर्ज की राशि दो लाख 39 हजार करोड़ रुपये बताई है। प्रदेश सरकार की अकाउंट बुक्स में दो लाख 27 हजार 697 करोड़ रुपये का कर्ज दर्ज है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने कर्ज लेने की सीमा चार प्रतिशत तक कर दी थी, जबकि हरियाणा सरकार तो इस सीमा को 2.99 प्रतिशत तक बनाए रखने में कामयाब है।
कोरोना काल में केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुसार हम 40 हजार 661 करोड़ रुपये ले सकते थे, जबकि हमने 30 हजार करोड़ रुपये ऋण लिया। 2021-22 के दौरान 40 हजार 870 करोड़ रुपये का ऋण ले सकते थे, लेकिन हमने 30 हजार 500 करोड़ रुपये ही लिया।
सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2010 के भूमि अधिग्रहण के मामले में निर्णय दिया कि मुआवजा उस समय के रेट के अनुसार ही दिया जाए, जो 92 लाख प्रति एकड़ बनता है।