बहादुरगढ़ में एक जीते जागते बुजुर्ग को हरियाणा सरकार द्वारा मृत मान लेने का मामला सामने आया है। जी हां, बहादुरगढ़ के रहने वाले मोहनलाल को कागजों में मृत दिखा कर उनकी बुढापा पेंशन काट दी गयी। बुजुर्ग मोहनलाल और उसके बेटे 5 महीने से कई बार पेंशन बहाली को लेकर अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट चुके हैं लेकिन अब तक उमकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
बुजुर्ग मोहनलाल बहादुरगढ़ के किले मोहल्ले में रहते हैं। पिछले लंबे समय से वे हरियाणा सरकार द्वारा बुजुर्गों को सम्मान के तौर के दी जाने वाली बुढापा पेंशन ले रहे थे। लेकिन 5 महीने पहले बुजुर्ग मोहन लाल को मृत दिखा कर उन्हें मिलने वाली पेंशन विभाग द्वारा बन्द कर दी गयी। अपनी पेंशन बहाली के लिए बुजुर्ग मोहनलाल ने राजनेताओं और अधिकारियों के कार्यालयों के कई चक्कर काटे। लेकिन उनकी पेंशन उन्हें मिलने शुरू नहीं हुई। गलती अधिकारियों की लेकिन खामियाजा बुजुर्ग मोहनलाल को भुगतना पड़ रहा है।
हम आपको बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा बुजुर्गों को ढाई हजार रुपये प्रतिमाह बुढापा पेंशन के तौर पर सम्मान भत्ता दिया जाता है। हरियाणा में यह स्कीम भूतपूर्व उपप्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे चौधरी देवी लाल द्वारा चलाई गई थी। जिसे निरंतर प्रदेश की सरकारों द्वारा आगे बढ़ाया जाता रहा। लेकिन बीजेपी सरकार ने बुजुर्गों को मिलने वाले इस सम्मान भत्ते को देने के लिए कई शर्ते लगा दी। ऐसे में हजारों लाखों की संख्या में बुजुर्गों की पेंशन बन्द हो गयी। लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का स्तर देखिए कि बहादुरगढ़ के बुजुर्ग मोहनलाल को मृत बता कर उनकी पेंशन बन्द कर दी गयी।