बिजली विभाग की ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान है, लेकिन तीन गांवों को 8 से 10 घंटे तक ही सप्लाई मिल पा रही है। कई-कई घंटे तक हो रही कटौती से ग्रामीण परेशान हैं। परेशान ग्रामीण प्रशासन द्वार पर पहुंचे और अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर सरकार व प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया तो बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
बता दें कि सरकार द्वारा ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना में जिला के गांव बौंद कलां, बौंद खुर्द व रणकोली को शामिल किया गया था। बावजूद इसके इन गांवों के ग्रामीण योजना में शामिल होने के बाद भी बिजली नहीं मिलने के चलते काफी परेशान हैं। हालांकि कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों से मिले लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार व विभाग द्वारा संज्ञान नहीं लिया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
गांव बौंद कलां, बौंद खुर्द व रणकोली के ग्रामीणों ने डीसी श्यामलाल पूनिया को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि तीनों गांवों को ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ में शामिल किया गया था। तीनों गांव योजना में शामिल होने के बाद भी अंधियारा में हैं। ग्रामीण राष्ट्रदीप, देवेंद्र सिंह, सतेंद्र परमार इत्यादि ने कहा कि निगम उनको टरका देते हैं। उनके गांवों में जहां 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिएं थी लेकिन मात्र 8-10 घंटे की बिजली मिल रही है।
अगर ऐसा ही रहा तो वे दूसरे गांवों के साथ मिलकर खाप के साथ बड़ा आंदोलन करेंंगे। वहीं डीसी श्यामलाल पूनिया ने कहा कि जगमग योजना में शामिल ग्रामीण उनसे मिले थे और समस्याएं बताई हैं। इस संबंध में बिजली निगम के अधिकारियों को समाधान बारे तुरंत निर्देश जारी कर दिए हैं।