फरीदाबाद नगर निगम घोटाला के बाद आईएएस अधिकारियों से पूछताछ के लिए विजिलेंस लगातार प्रयास कर रही है लेकिन सरकार में आईएएस अधिकारियों की पैठ के चलते द्वंद छिड़ गया है। ऐसे में मुख्य सचिव कार्यालय ने विजिलेंस को पूछताछ की अनुमति देने से पहले शहरी स्थानीय निकाय विभाग से खर्च का ब्योरा मांगा है।
अब मुख्य सचिव कार्यालय ने पूछा है कि किस अधिकारी की कलम से कितनी रकम जारी हुई। यह जानकारी मिलने के बाद विजिलेंस को इस मामले में आईएएस अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति दी जाएगी। करीब 200 करोड़ के इस घोटाले में अब तक चार से पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा इस मामले में घोटालेबाजों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।