
झज्जर के एक गांव में कुछ रोज पूर्व गांव के पूर्व दलित सरपंच के पिता की हत्या की गुत्थी पुलिस ने आखिरकार सुलझा ली है। घटना के बाद से ही पुलिस की कई टीमें इस पर काम कर रही थी। गहन प्रयासो से पुलिस को इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में सफलता हाथ लगी। मामला झज्जर के गांव खुड्डन का है। यहां सुमेर सिंह नामक बुजुर्ग का शव गांव से ही कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पुलिस को बरामद हुआ थ। मृतक के शव पर बर्फ फोडऩे वाले सूएं के करीब पांच दर्जन निशान थे।
प्रारम्भिक जांच में ही पुलिस ने मान लिया था कि मृतक सुमेर की हत्या की गई है और इसके लिए बर्फ तोडऩे वाले सूएं का इस्तेमाल किया गया है। हांलाकि मृतक के बेटे ने इस मामले में अपने पिता की हत्या के लिए अपने रिश्तेदारों को जिम्मेवार ठहराया था। लेकिन जैसे=जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो मामले का पर्दाफांश भी होते चला गया। पत्रकारवार्ता में इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए डीएसपी रविन्द्र कुंडू ने बताया कि पुलिस के हाथ सबसे पहले एक साक्ष्य मिला जिसमें पुलिस को पता चला कि जिस किसी ने सुमेर की हत्या की उसने बर्फ फोडऩे वाला सूआ माछरौली कस्बे से खरीदा था। इसी सबूत पर पुलिस आरोपी तक पहुंची।
गहन छानबीन के दौरान पता चला कि बेरी निवासी 18 वर्षीय नीरज सपुत्र नवीन गांव खुड्डन में अपने मामा के अखाड़े में पहलवानी के गुर सीखा करता था। उसी दौरान ही सैर के दौरान मृतक सुमेर द्वारा उस पर छीटाकंसी की गई। डीएसपी के अनुसार खुलासा यह भी हुआ है कि इसी टीस के चलते आरोपी ने सुमेर को ठिकाने लगाने की योजना बना डाली। जिसके लिए उसने कस्बा माछरौली से बकायदा सूआ खरीदा और बाद में रविवार के दिन वह उस सड़क पर घात लगाकर बैठ गया जहां सुमरे सुबह की सैर करने जाया करता था। उसी दौरान उसने मौका पाकर सुमेर पर बर्फ तोडऩे वाले सूए से 42 वार किए। जिसकी वजह से सुमेर मौत की नींद सो गया।