जब जिले के मालिक उपायुक्त के निवास पर ही सीवरेज के गंदे पानी का समाधान नहीं हो रहा तो नागरिक शहर की व्यवस्था दुरूस्त करने की कैसे आश लगा सकते हैं। सीवरेज का गंदे पानी दादरी शहर वासियों के लिए परेशानी का सबब बना है, उसके समाधान के आश्वासन मिलते हैं लेकिन कोई समाधान नहीं। समाधान का आश्वासन देने वाले जिला उपायुक्त के निवास के बाहर ही कई दिनों से सीवरेज का गंदा पानी जमा है। ऐसे में नागरिक किससे अरदास लगाए और समाधान की आश करें। हालांकि विधायक से लेकर मंत्री, सांसद व डिप्टी सीएम तक सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन दे चुके हैं, बावजूद इसके हालात बद से बदतर बने हैं।
गंदे पानी के बीच एक मिनट भी रहना किसी चुनौती से कम नहीं होता। बीमारी का डर भी बना रहता है लेकिन चरखी दादरी शहर ऐसा है, जहां लोग पिछले कई महीनों से गंदे बदबूदार पानी के बीच नारकीय जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। हालात ऐसे हैं कि कई इलाकों के लोगों ने तो पलायन करने का मन बना लिया है। कई क्षेत्रों में तो पिछले कई महीनों से लोगों के घरों से लेकर सड़क तक पर सीवर का गंदा पानी बह रहा है। जिसके चलते हर रोज स्थानीय लोगों को इसी गंदे पानी में से गुजरना पड़ता है। हालांकि सरकार द्वारा योजनाएं बनाकर लोगों को सुविधाएं देने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन ये सभी योजनाएं धरातल पर कितनी उतर रही हैं ये जानने के लिए यहां के हालात बयां कर रहे हैं।
हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन राजदीप फौगाट, विधायक सोमबीर सांगवान निवास के समीप व स्थानीय नेताओं के क्षेत्रों में सीवरेज व्यवस्था के बुरे हालात हैं। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के निवास के बाहर सीवरेज का जमा गंदा पानी का ही कोई समाधान नहीं है। सीवरेज पानी के समाधान को लेकर लगाए ट्रीटमेंट प्लांट गंदे पानी से लबालब हैं और मशीनें खराब हो चुकी हैं। नगर वासियों का कहना है सीवर ओवरफ्लो होने के कारण नगर के चारों और पानी ही पानी जमा हो गया है निकलने तक का रास्ता नहीं है। कई बार प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी समस्या को कोई समाधान नहीं हुआ है। वंही जमा गंदे पानी की वजह से बीमारियां फैल रही हैं।