कुरुक्षेत्र की अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश की अदालत ने हत्या व लूट मामले के आरोपी विक्रमजीत उर्फ़ बिट्टू वासी चीका जिला कैथल, विक्रम उर्फ़ विक्की वासी टिटाना जिला कैथल, सुनील वासी किन्नर नाडा जिला हिसार, मनीष वासी भगवान गढ़ी जिला अलीगढ यूपी व मोहन नगर वासी महिला पूनम को फांसी व जुर्माने की सजा सुनाई है।
जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी ने बताया कि 9 जनवरी 2023 को थाना शहर थानेसर पुलिस को दी अपनी शिकायत में डाक्टर अतुल अरोडा वासी सैक्टर-13 हुड्डा कुरुक्षेत्र ने बताया कि उसका कोठी मे ग्राउंड फ्लोर पर अतुल क्लीनिक नाम से हस्पताल है और इसी हस्पताल के उपर उसका रिहायसी मकान है। उसके साथ उसके माता पिता व पत्नी वनीता अरोडा रह रहे हैं। दिनांक 9 जनवरी 2023 को वह हर रोज की तरह समय करीब 9.20 बजे रात को अपने हस्पताल से मकान मे उपर अपने माता पिता के कमरे में गया तो उसी समय उसे उसकी पत्नी वनीता की चीख सुनाई दी। वह कमरे से बाहर निकला तो दो लडको ने उसके सिर पर पिस्तौल रख दी और उसे धकेलते हुए ड्राइंग रूम मे ले गए और पिस्तौल तानकर उसे बैठा दिया। वह पैसे व जेवर के बारे में पूछने लगे तो उसने अपनी जेब से करीब 1 लाख रुपये निकालकर दे दिए। उसके बाद उसे अपनी पत्नी की कोई आवाज सुनाई नही दी। करीब 15 मिनट तक वह नौजवान लडके उसे मारते रहे और पैसो के बारे पूछते रहे। उसने किसी तरह अपने आप को बचाकर अपने माता पिता के कमरे में घुसकर अन्दर की कुन्डी बन्द कर ली। उसने पीछले दरवाजे से निकलकर साथ लगते स्कूल में छलांग लगा दी। उसने अपने पडोसियों को बताया तो पडोसियों ने पुलिस को फोन करके मौका पर बुलाया। उसने पुलिस के साथ ऊपर जाकर देखा तो उसकी पत्नी मृत अवस्था में पडी थी तथा उसके घर में रखे गहने गायब मिले। जिसकी शिकायत पर थाना शहर थानेसर में मामला दर्ज करके जांच अपराध अन्वेषण शाखा-2 द्वारा अमल में लाई गई। तफ्तीश के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था। मामले का चालान माननीय अदालत में दिया गया था।
दिनांक 20 दिसम्बर 2025 को मामले की नियमित सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर विक्रमजीत उर्फ़ बिट्टू वासी चीका जिला कैथल, विक्रम उर्फ़ विक्की वासी टिटाना जिला कैथल, सुनील वासी किन्नर नाडा जिला हिसार, मनीष वासी भगवान गढ़ी जिला अलीगढ यूपी व मोहन नगर वासी महिला पूनम को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 120-बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 10/10 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 6/6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा। आईपीसी की धारा 323/120-बी के तहत 1/1 साल कठोर कारावास व 1/1 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 15/15 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा। आईपीसी की धारा 396/120-बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 10/10 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 6/6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा। आईपीसी की धारा 396/397/120-बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 10/10 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 6/6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा। आईपीसी की धारा 201/120-बी के तहत 3/3 साल कठोर कारावास व 10/10 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 6/6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा। आईपीसी की धारा 460/120-बी के तहत 10/10 साल कठोर कारावास व 10/10 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 6/6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा। आर्म्स एक्ट की धारा 25(6) के तहत 14/14 साल कठोर कारावास व 10/10 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 6/6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा। आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत 5/5 साल कठोर कारावास व 10/10 हजार रुपये जुर्माने की सजा तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 6/6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा तथा आईपीसी की धारा 302/120-बी के तहत फांसी की सजा सुनाई।