हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान असंध विधायक योगेंद्र राणा ने ‘वन्दे मातरम्’ विषय पर विचार रखे। उन्होंने इस उद्धघोष को करोड़ों क्रांतिकारियों के संकल्प की आहुति और भारत की सामूहिक चेतना का प्रतीक बताया।
विधायक योगेंद्र राणा ने कहा कि जब निहत्थे भारतीय अंग्रेजों की बंदूकों के सामने खड़े होते थे तब उनके पास ढाल नहीं बल्कि ‘वन्दे मातरम्’ का मंत्र होता था। उन्होंने कहा कि सत्ताएं अस्थायी होती हैं, लेकिन राष्ट्र स्थायी होता है। उन्होंने इसे भगत सिंह के फंदे चूमने की खनक और चंद्रशेखर आजाद की आखिरी गोली का स्वाभिमान बताया। विधायक ने ‘सुजलाम्’ और ’सुफलाम्’ जैसे पदों की व्याख्या करते हुए इसे वीर जननी और क्रांतिकारियों के लहू से सिंचित धरा का वंदन बताया। उन्होंने गूंज रहा है आज जो नारा, अंबर से पाताल तक, वन्दे मातरम् ही गूंजेगा, इस सृष्टि के काल तक पंक्तियों के साथ अपने संबोधन का समापन किया।
सत्र के दौरान विधायक योगेंद्र राणा ने असंध के ऐतिहासिक गौरव राजा जरासंध के टीलें की ऐतिहासिक विरासत का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने टीले के ऐतिहासिक महत्व का उल्लेख करते हुए इसके संरक्षण और विकास की मांग की। विधायक योगेंद्र राणा ने पुरातत्व विभाग के माध्यम से इस स्थल के सौंदर्यीकरण, पार्क निर्माण और इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा।
इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा ने सदन को अवगत कराया कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसे राष्ट्रीय महत्व की साइट माना है। उन्होंने विधायक को आश्वासन दिया कि सरकार इस ऐतिहासिक स्थल पर मिले कुषाण कालीन स्तूपों, प्राचीन बर्तनों और सिक्कों के संरक्षण के साथ-साथ इस क्षेत्र के बेहतरीन विकास के लिए हर संभव प्रयास करेगी एवं पर्यटकों के लिए इस स्थान को क्षेत्र के विशेष पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा।
सत्र के दौरान विधायक योगेंद्र राणा ने असंध के ऐतिहासिक गौरव राजा जरासंध के टीलें की ऐतिहासिक विरासत का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने टीले के ऐतिहासिक महत्व का उल्लेख करते हुए इसके संरक्षण और विकास की मांग की। विधायक योगेंद्र राणा ने पुरातत्व विभाग के माध्यम से इस स्थल के सौंदर्यीकरण, पार्क निर्माण और इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा।
इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा ने सदन को अवगत कराया कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसे राष्ट्रीय महत्व की साइट माना है। उन्होंने विधायक को आश्वासन दिया कि सरकार इस ऐतिहासिक स्थल पर मिले कुषाण कालीन स्तूपों, प्राचीन बर्तनों और सिक्कों के संरक्षण के साथ-साथ इस क्षेत्र के बेहतरीन विकास के लिए हर संभव प्रयास करेगी एवं पर्यटकों के लिए इस स्थान को क्षेत्र के विशेष पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा।