फ़तेहाबाद में एक फाइनेंसर ने अपने हाथ-पैर की नसें काटकर आत्महत्या कर ली। फाइनेंसर 39 वर्षीय सचिन ने घटना को बीते दिन वीरवार को भूना रोड के नजदीक नेशनल हाइवे किनारे अपनी गाड़ी में अंजाम दिया।
दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे एक परिवार ने जब खून से लथपथ फाइनेंसर को देखा तो उसे अस्पताल पहुंचाया लेकिन अस्पताल में उपचार के दौरान फाइनेंसर ने दम तोड़ दिया। फाइनेंसर की गाड़ी से दो सुसाइड नोट पुलिस ने बरामद किए जिसमें करीब 24 लोगों के नाम लिखे हुए हैं और इन सभी लोगों पर रुपयों के लेन-देन को लेकर परेशान करने का आरोप है।
पुलिस ने मृतक सचिन सिंगला की पत्नी नीतू सिंगला के बयान और बरामद हुए सुसाइड नोट के आधार पर 24 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में आईपीसी की धारा 306 व 506 के तहत केस दर्ज किया है। शहर थाना के एसएचओ ओमप्रकाश चुघ ने बताया कि सचिन सिंगला जो कि पहले फ़तेहाबाद के भट्टू में फाइनेंस का काम करता था फिलहाल गुड़गांव में फाइनेंसर का काम कर रहा था।
मूल रूप से सचिन फतेहाबाद के भट्टू का रहने वाला था और 3 साल पहले सचिन परिवार के साथ गुड़गांव के हयातपुर गांव चला गया था और वहीं पर फाइनेंस का काम कर रहा था। वीरवार 6 अप्रैल को सचिन किसी केस के सिलसिले में फतेहाबाद कोर्ट में अपने वकील के पास पहुंचा था और वकील से मिलने के बाद सचिन अपनी गाड़ी लेकर भूना रोड होते हुए नेशलन हाईवे की तरफ चला गया। हाईवे पर जाकर सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करके सचिन ने चाकूनुमा चीज से अपने हाथ और पैर की नसें काट ली। घटना के दौरान दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे गाड़ी सवार एक परिवार ने जब सचिन को खून से लथपथ देखा तो वे उसे अस्पताल लेकर पहुंचे।
अस्पताल में सचिन ने दम तोड़ दिया। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की तो सचिन की गाड़ी से दो सुसाइड नोट पुलिस को बरामद हुए। दोनों सुसाइड नोट में काफी लोगों के नाम लिखे हुए हैं और सभी लोगों पर पैसों के लेनदेन को लेकर परेशान करने और प्रताड़ित करने का आरोप है। एसएचओ ओमप्रकाश ने बताया कि फिलहाल मृतक सचिन की पत्नी नीतू सिंगला के बयान दर्ज किए गए हैं और पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई है। नीतू सिंगला और बरामद हुए सुसाइड नोट के आधार पर सचिन की मौत के लिए सुसाइड नोट में दर्ज नाम वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और आगामी जांच शुरू कर दी गई है।
फाइनेंसर सचिन सिंगला को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के संबंध में दर्ज हुई इस एफआईआर में सबसे महत्वपूर्ण नाम चंद्रमोहन पोटलिया का है जो कि फ़तेहाबाद में यूथ कांग्रेस का जिलाध्यक्ष है। आरोपों के अनुसार पोटलिया से सचिन गोयल ने 3 लाख 50 हजार रुपये लेने थे। हालांकि पोटलिया ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि सचिन को रुपये देने नहीं बल्कि रुपये लेने थे।