पंजाब चुनाव के नतीजों ने हरियाणा की राजनीति में खलबली मचा रखी और जो भी राजनीतिक व्यक्ति अपनी पार्टी से नाखुश है वह पार्टी की ओर खिंचता जा रहा है। ऐसे ही है पूर्व गृह राज्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुभाष बत्रा, जिनको आप पार्टी के काम अच्छे लगने लगे और उनका तो यह कहना है कि कांग्रेस के यही हालात रहे तो उन्हें कोई न कोई दूसरा विकल्प चुनना पड़ेगा। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तो उन्हें दरकिनार ही कर रखा है।
पंजाब चुनाव के नतीजों के बाद अपनी पार्टी से असंतुष्ट नेताओं में आप पार्टी के प्रति प्रेम बढ़ गया है। ऐसे ही कुछ बड़े नाम भी शायद उस लिस्ट में है। जो आप पार्टी की ओर रुख कर सकते हैं। जिसमें हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुभाष बत्रा भी शामिल है। जो पिछले दिनों आप पार्टी राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता से मुलाकात करके आए हैं। हालांकि वह इसे शिष्टाचार मुलाकात बता रहे हैं।
लेकिन जिस तरीके से अचानक सुभाष बत्रा आप पार्टी के दिल्ली के कामों की सराहना करने लगे हैं, उससे तो यही लग रहा है कि सुभाष बत्रा का कांग्रेस पार्टी से मोहभंग हो गया है और अब जल्दी वे आप पार्टी की टोपी पहनकर राजनीति के मैदान में नजर आएंगे। लेकिन वह टोपी उनके सिर पर कब होगी यह समय अभी तय नहीं हुआ है
बत्रा का कहना है कि सुशील गुप्ता के साथ उनकी शिष्टाचार के नाते दिल्ली के पंजाबी बाग में मुलाकात हुई थी। लेकिन कुछ राजनीतिक चर्चाएं भी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जिस तरीके से दिल्ली में जनहित के काम किए हैं उनकी हर ओर सराहना हो रही है और वे भी उन कामों से काफी प्रभावित हैं
उन्होंने कहा कि पंजाब के नतीजों ने यह दिखा दिया है अब राजे रजवाड़ों तथा परिवारवाद के नेताओं की राजनीति नहीं चल पाएगी। बत्रा बोले अभी तक वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं लेकिन अगर कांग्रेस का कलह ऐसे ही चलता रहा तो वह भी कोई न कोई राजनीतिक फैसला लेने को मजबूर होंगे। क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा सभी को साथ लेकर नहीं चल रहे हैं।