मौसम का बदला रुख किसानों को परेशान कर रहा है। पांच साल में मार्च का यह सर्वाधिक तापमान है। सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान के चलते गेहूं-जौ की पैदावार प्रभावित होने की आशंका बनती जा रहा है। इससे फसलों का दाना सिकुड़ने का डर बना हुआ है। इस सप्ताह तापमान में कमी होने की उम्मीद नहीं है।
तापमान ज्यादा रहने के साथ ही तेज गर्म हवा चलने से भी फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। मार्च के दूसरे पखवाड़े में सामान्य तौर पर अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है, लेकिन इस बार यह आठ डिग्री ज्यादा है।
किसानों के अनुसार यह समय फसलों में पैदावार के पकने का चल रहा है। ज्यादातर फसलों के दानों में मिल्क पीरियड है। ऐसे में तेज गर्म हवा चलने से दाना सिकुड़कर सूख सकता है। किरषी विभाग का कहना है कि ऐसे में खेतों में पर्याप्त नमी बनाए रखने की जरूरत है।
ऐसे में खेतों की हल्की सिचाई लाभदायक रहेगी। लेकिन तेज हवा पानी लगी फसल को नुकसान पहुंचा रही है। इस बार तेज तापमान के कारण किसानों की गेंहू की उत्पादन कम रहने की आसंका है