December 11, 2024
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नगर निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा के निर्देश पर निगम की सफाई शाखा ने एक प्लान के तहत शहर में फोगिंग करने का काम शुरू कर दिया है। प्लान के तहत पूरे नगर निगम क्षेत्र और इसके मार्किट एरिया को कवर किया जाएगा। इसके लिए 2 टीमें बनाई गई हैं। इनमें एक टीम वार्ड में जाकर अपना काम करेंगी, जबकि दूसरी डेंगू पॉजीटिव केस आने वाले क्षेत्र में एमरजेंसी ड्यूटी के लिए रहेगी।
उन्होंने बताया कि हर साल नगर निगम शहर के सभी वार्डों में फोगिंग करवाता है, ताकि मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। हालांकि फोगिंग का असर कुछ देर तक रहता है। लेकिन ऐसे एरिया जिनमें मच्छरों की अधिकता होती है, वहां फोगिंग का काम ज्यादा असरदार रहता है। उन्होंने बताया कि  सोमवार को वार्ड नम्बर 1 के गांव उचानी, बलड़ी, झंझाड़ी, कैलाश, मंगलपुर, बसंत विहार तथा रणधीन एन्कलेवइत्यादि क्षेत्रों में फोगिंग करवाई गई है, जबकि मंगलवार को वार्ड 2 में करवाई जाएगी।
यह है प्लान- उन्होंने बताया कि फोगिंग करने वाली एक वार्ड को एक दिन में पूरा करेगी। जिन एरिया में फोगिंग को लेकर कोई शिकायत या अनुरोध आएगा या डेंगू और चिकनगुनिया के केस पाए जाएंगे, वहां दूसरी टीम को आपातकालीन कार्य के लिए लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वैसे तो निगम की मशीने शहर के सभी मुख्यत: एरिया को फोगिंग से कवर करेंगी, फिर भी नागरिकों की नजर में कोई एरिया रह जाता है, उसके लिए टोल फ्री नम्बर 18001802700 पर सूचना दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि आबादी और कॉमर्शियल, दोनो क्षेत्रों में करवाई जाएंगी। फोगिंग का यह प्लान सोमवार से शुरू होकर आगामी 3 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें रविवार को छोडक़र अन्य सभी दिवसों में एक-एक कर सभी वार्डों में फोगिंग करवाई जाएगी।
नागरिकों से अपील- निगमायुक्त ने नागरिकों से अपील करते कहा है कि सबसे जरूरी अपने घरों व आस-पास पानी को इकठ्ठïा न होने दें और साफ-सफाई भी बनाकर रखें। ऐसी जगहें जहां पानी भरा हो, वहां काला तेल डाल दें, जो पानी की ऊपरी सतह पर रहेगा। इस तरह मच्छर पानी पर न तो बैठ पाएंगे और न ही अण्डे देंगे। जिस एरिया में मच्छर ज्यादा हों, वहां के लोगों को मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि करनाल जिला वैसे तो पिछले कुछ वर्षों से मलेरिया मुक्त हो चुका है, फिर भी लोगों को मच्छरों से बचाव रखना चाहिए। डेंगू व चिकनगुनिया जैसे बुखार की चपेट में आते ही तुरंत उसका ईलाज करवाना चाहिए। बूखार होने की सूरत में देसी झाड-फूंक और नीम-हकीमों से दवाईयां नहीं लेनी चाहिए, इससे बीमार व्यक्ति को हानि हो सकती है।

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