May 3, 2024

कैथल के गांव कठवाड़  की बेटी मनप्रीत तजाकिस्तान में हो रही एशियन कुराश चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर  कैथल पहुंचे. कैथल के सर छोटू राम इंदौर स्टेडियम में हुआ भव्य स्वागत और रोड शो भी निकाला गया ,

मनप्रीत ने बात करते हुए कहा कि वह तजाकिस्तान में हो रही एशियन कुराश चैंपियनशिप में कांस्य पदक भारत के लिए जीत कर लाई है उसका मुकाबला ताइपे ,चाइना, उज्बेकिस्तान ओर तजाकिस्तान के खिलाड़ियों से हुआ, मैं अपनी जीत का श्रेय अपने माता-पिता और अपने कोच उसको दे रही है जिन्होंने उसका हौसला बढ़ाया और फिर खेलने की प्रेरणा दी उसका कहना है कि लड़कियों को घर से बाहर निकालना चाहिए तभी वह देश के लिए कुछ कर सकेंगे.

मनप्रीत का कहना है कि वह आगे और मेहनत करेगी और भारत की झोली में गोल्ड मेडल लाकर देगी. मनप्रीत के माता-पिता ने भी कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है बेटियां बेटों से कम नहीं है जो वह चाहती है उन्हें करने देना चाहिए

कबड्डी प्रमोटर एवं स्टार कबड्डी लीग के अध्यक्ष अशोक गोयल ने कहा कि हम केवल कबड्डी को नहीं सभी खेलों को बढ़ावा देना चाहते हैं खिलाड़ी देश का नाम रोशन करते हैं जो भी इन्हें हमारी जरूरत होगी हम इनका पूरा साथ देंगे बेटी द्वारा कांस्य पदक जीतना हमारे लिए गर्व की बात है

कुराश गेम क्या है आईए इसके बारे में जानते हैं-

एशियन गेम्स 2018 में कई ऐसे खेलों को शामिल किया गया है, जिनके बारे में शायद कम जानते हैं . इनमें से एक ऐसा ही खेल है कुराश नाम का भी खेल है और काफी प्रचलित भी है।असल कुराश कुछ हद तक पहलवानी और जुडो की तरह ही है। दोनों में बस इतना फर्क है कि दोनों के नियम थोड़े अलग है।

लेकिन अगर कुराश रेसलिंग के लिए उपयोग होने वाली तुर्की टर्म है।कुराश उज़्बेकिस्तान की पारंपरिक मार्शल आर्ट की शैली है। अगर कुराश को आसान शब्दों में समझे तो यह कुश्ती का वह रूप है जिसमें शरीर के निचले भाग का उपयोग नहीं किया जा सकता। इस खेल में कमर के नीचे के हिस्से को ना तो पकड़ा जाता है और ना ही हिट या उस पर किट मारी जा सकती है।

कुराश को खेल का दर्जा मिले ज्यादा समय नहीं हुआ है, साल 1980 में ही इसे खेल माना गया। अगर इस खेल के नियम की बात करें तो इस खिलाड़ी को अपने विरोधी को ग्रांउड पर गिराना होता है।

अगर वह खिलाड़ी अपने विरोधी को मजबूत तरीके से थ्रो करता है तो उसे खलोल कहा जाता है और वह उस बाउट का विजेता बन जाता है। इस खेल में पुरुष का मुकाबला 4 मिनट और महिलाओं का 3 मिनट का होता है

 

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